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सड़क में कितने एमएम की गिट्टी डली है कितनी बार रोलर चलाया, कुछ पता है आपको

सड़क में कितने एमएम की गिट्टी डली है कितनी बार रोलर चलाया, कुछ पता है आपको
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प्रमुख सचिव के निशाने पर रही अमृत योजना, अधिकारियों पर बरसे, काम ठीक से करो, वरना घर बैठो

ग्वालियर/न.सं.।

इस सड़क में कितने एमएम की गिट्टी डली है, कितनी बार रोलर चलाया है। इस सड़क पर ब्राईब्रेटर तो चला ही नहीं है। सड़क के लिए किस प्लांट से गिट्टी आ रही है। मैं आपसे पूछ रहा हूं, आपके पास कोई जवाब है। यह बात बुधवार नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. संजय दुबे ने दीनदयालनगर में स्व. माधवराव सिंधिया स्टैचू से मैदा मिल तक सडक़ का गुणवत्ताहीन कार्य देख अधीक्षण यंत्री प्रदीप चतुर्वेदी व क्षेत्राधिकारी महेन्द्र प्रसाद अग्रवाल को फटकार लगाते हुए कही।

इस दौरान इंजीनियर इन चीफ प्रभाकांत कटारे ने नाले की दीवार को जब पत्थर से ठोंका तो प्रमुख सचिव का पारा सातवें आसमान पर जा पहुंचा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आप लोग कैसे काम करवा रहे हो। जिस पर अधीक्षण यंत्री प्रदीप चतुर्वेदी ने कहा कि सर हम हर सात दिन में यहां पर निरीक्षण करने आते हैं। तो प्रमुख सचिव ने कहा कि आप सात दिन आते हो तो कार में बैठकर ही निकल जाते हो। बुधवार की सुबह प्रमुख सचिव डॉ. दुबे अपने दल के साथ सबसे पहले स्वच्छता की जानकारी लेने माधव नगर जा पहुंचे तो उन्होंने वहां से गुजर रही ईकोग्रीन कंपनी के कचरा वाहन को रोक लिया व कर्मचारियों से पूछा कि क्या आप लोग रोज इसी तरह आते हो। जिस पर कर्मचारी ने कहा कि हमारे सर ने कहा था कि कोई बड़े सर आने वाले है, इसीलिए आज हम लोग वर्दी में आए है। तभी उन्होंने कर्मचारी से पूछा कि आप लोगों से कचरा किस तरह मांगते हो, जिस पर कर्मचारी कोई जबाव नहीं दे पाया। इस दौरान उन्होंने कचरा वाहन में नष्ट होने वाले व बिना नष्ट होने वाले कचरे को अलग अलग संग्रहण की हिदायत दी। साथ ही डॉ. दुबे अपने दल के साथ मेला ग्राउण्ड स्थित ईकोग्रीन कंपनी के साइट विजिट कर कचरा संग्रहण कार्य में देरी पर भी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि कंपनी 31 मई तक अपनी शर्तों को पूरा करें। निरीक्षण में नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त गुलशन बामरा, जिलाधीश अनुराग चौधरी, आयुक्त संदीप माकिन, अपर आयुक्त नगरीय विकास स्वतंत्र सिंह, यूएस रॉय, नीलेश दुबे, स्मार्ट सिटी सीईओ महीप तेजस्वी आदि उपस्थित थे।

कमी सुधारी नहीं तो करवाऊंगा मामला दर्ज

स्वच्छता सर्वेक्षण में ग्वालियर की रैकिंग गिरने के बाद बुधवार को ईकोग्रीन कंपनी के अधिकारी भी प्रमुख सचिव के प्रकोप से नहीं बच पाए। उन्होनें साफ शब्दों में कह दिया है कि 31 मई तक आप अपने टेंडरों के हिसाब से शर्तों को पूरा कर ले। साथ ही कहा कि कचरे में वजन बढ़ाने के लिए पत्थरों का उपयोग हुआ तो मैं खुद प्रकरण दर्ज करवाऊंगा। नगर निगम के अधिकारियों को प्रमुख सचिव को गुमराह करने के लिए पूरी तैयारी कर ली थी। शायद यही कारण है कि बुधवार की सुबह शहर के विभिन्न चौराहे पर सफाई कर्मचारी जहां झाडृू लगाते हुए दिखाई दिए।

फाइलें लेकर बालभवन पहुंचे अधिकारी

एक ओर जहां प्रमुख सचिव अपने दल के साथ शहर में चले रहे विकास कार्यों का निरीक्षण कर अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे रहे थे तो वहीं बालभवन में निगम के अधिकारी फाइलें लेकर खड़े थे। अधिकारियों को बताया गया था कि प्रमुख सचिव अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। लेकिन प्रमुख सचिव सिर्फ शहर का निरीक्षण कर शाम को भोपाल के लिए रवाना हो गए।

स्मार्ट सिटी के अधिकारी रहे निशाने पर


महाराज बाड़ा स्थित टाउन हॉल में जब प्रमुख सचिव पहुंचे, तो वहां की दीवारों को प्लाईवुड से ढक दिया था। जिस पर उन्होंने कहा कि यह क्या तरीका है। साथ ही जब वह मोतीमहल स्थित कंट्रोल कमांड सेंटर पहुंचे, तो स्मार्ट सिटी के अधिकारी अपने कार्यों को बताते नजर आए। लेकिन वहां के कार्यो को देख डॉ. दुबे वहां से बिना कुछ कह ही निकल गए।

बाहर बनाओ शौचालय

प्रमुख सचिव संजय दुबे बुधवार को पूरे एक्शन मोड़ में दिखाई दिए। ईकोग्रीन कंपनी की साइट के बाद श्री दुबे गोरखी स्काउंट गाइड कार्यालय व पुराने विक्टोरिया मार्केट के कार्यों को देखने जा पहुंचे। वहा यहां के कार्यों को देख वह संतोषजनक दिखाई दिए। लेकिन विक्टोरिया मार्केट के अंदर बने मूत्रालय को देख उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इसे बाहर बनाओ।

अधीक्षण यंत्री से कहा, क्या ऐसे डलती है पाइप लाइन


तिघरा से मोतीझील तक अमृत योजना के तहत डाली जा रही पाइप लाइन पर जब प्रमुख सचिव की नजर पड़ी तो उन्होंने अधीक्षण यंत्री आरएलएस मौर्य से पूछा कि यह कौन सी पाइप लाइन है। जिस पर उन्होंने बताया कि अमृत योजना के तहत यह पाइप लाइन डाली जा रही है। सिजपर श्री दुबे ने पूछा कि क्या ऐसी ही पाइप लाइन डलती है। उन्होंने कहा कि पाइप लाइन के नीचे बेस क्या है, आपने मुरम डाल दी है। प्रमुख सचिव का पारा इतना चढ़ गया कि उन्होंने अधिकारियों के हाथ जोड़ते हुए कहा कि पाइप लाइन को उखाड़कर इसकी फोटोग्राफी भेजों, उसके बाद ही पाइप लाइन डालों।

थीम रोड का खर्चा सुन जिलाधीश भी उखड़े

निरीक्षण के दौरान अधिकारी जब थीम रोड पर पहुंचे तो वहां पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि इस रोड को स्मार्ट रोड बनाया जा रहा है। साथ ही 8 करोड़ से फुटपाथ किनारे डली 33 केवी की लाइन को अंडरग्राउण्ड किया जाएगा। जिस पर प्रमुख सचिव ने कहा यह पैसे की बर्बादी है। इतना ही नहीं जब जिलाधीश अनुराग चौधरी को बताया कि इस रोड पर पहले से ही करोड़ों रुपए की राशि खर्च हो चुकी है। उन्होंने ने भी नाराजगी जाहिर की।

Updated : 27 March 2019 7:27 PM GMT
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Naveen Savita

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