तत्काल तो छोडि़ए, प्रीमियम में भी नहीं मिली सीटें

ट्रेनों में नहीं कम हो रही यात्रियों की भीड़
ग्वालियर/न.सं.। होली का त्यौहार निपट चुका है और अब लोग वापस काम पर लौटने लगे हैं। रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ इस कदर है कि पैर रखने की जगह नहीं है। सुपर फास्ट से लेकर शताब्दी एक्सप्रेस तक भरी चल रही हैं। स्टेशन पर आरक्षण की लाइन में लगे लोगों को तत्काल में भी टिकट नहीं मिल पा रहा है।
रविवार को ग्वालियर रेलवे स्टेशन के सभी प्लेटफार्म पर पैर रखने की जगह नहीं थी। नई दिल्ली से भोपाल की तरफ जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस तक में लोगों को जगह नहीं मिल पाई। लोग सुबह से करंट टिकट के लिए लाइन में लगे हुए थे, लेकिन जब पता चला कि सीट ही नहीं है तो मायूस होकर लौटना पड़ा। भीड़ को देखते हुए रेल्वे स्टेशन पर आरपीएफ एवं जीआरपी के जवानों को तैनात किया गया। ताज एक्सप्रेस में शाम को भीड़ को संभालने में जवानों को पसीना आ गया। स्थिति ये थी कि शौचालय तक में यात्री भरे हुए थे। रेलवे प्रशासन ने चार महीने पहले बुकिंग करने का प्रावधान लागू कर दिया गया है। इसके तहत यात्री यात्रा की तारीख से चार महीने पहले बुकिंग कर सकते हैं। हालांकि होली 21 मार्च की थी। चार महीनेे पहले बुकिंग खुल जाने से यात्रियों ने काफी समय पूर्व ही बुकिंग करा ली है, जिससे कई गाडिय़ां नो रूम हो गई है। वही कई ट्रेनों में लम्बी प्रतीक्षा सूची तक पहुंच चुकी है। उधर तत्काल में जहां यात्रियों को टिकट नहीं मिले, तो यात्रियों को लगा कि प्रीमियम तत्काल में बर्थ मिल जाएगी, लेकिन उसमें भी यात्रियों को जगह नहीं मिली।
यह बरतें सावधानी
♦ तत्काल का टोकन लेने के लिए सुबह आठ बजे से पहले ही आरक्षण कार्यालय पहुंच जाएं।
♦ सुबह 9.30 बजे से एसी और 10.30 बजे से शयनयान कोच के लिए टोकन मिलते हैं।
♦ सुबह 10 बजे से एसी और शयनयान क्लास में 11 बजे से तत्काल टिकट बनना शुरू होते हैं।
♦ तत्काल टिकट पाने के लिए यात्री पहले से पता कर लें कि संबंधित स्टेशनों के लिए कौन-कौन सी ट्रेनें जाती हैं।
दलाल वसूल रहे मोटी राशि
होली पर पड़े अवकाश के दौरान बाहर जाने वाले यात्री कन्फर्म टिकट नहीं मिलने पर इंटरनेट से टिकट दिलवाने वाले दलालों से सम्पर्क कर रहे हैं। यहां यात्रियों को एक कार्ड टिकट के लिए मोटी राशि चुकानी पड़ रही है। सूत्रों ने बताया कि तत्काल टिकट में सिर्फ चार यात्रियों को एक साथ टिकट मिलता है। ऐसे में एजेंट एक यात्री से किराए के अलावा पन्द्रह सौ से दो हजार रुपए अतिरिक्त वसूल रहे हैं। हालांकि उसमें भी कन्फर्म टिकट मिलने की गुंजाइश आधी ही होती है।
सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल बढ़ा
इस वर्ष होली के पर्व व अन्य त्यौहारों को देखते हुए रेलवे सुरक्षा बल ने आईआरसीटीसी एजेंट तथा निजी आईडी से टिकट बुक करने वाले एजेंटों पर कार्रवाई की थी। कुछ सॉफ्टवेयर भी जब्त किए गए थे, जिससे यात्रियों को टिकट बनाकर दिए जाते थे। सूत्र इस बार भी सॉफ्टवेयर का उपयोग होने की जानकारी दे रहे हैं। उनका कहना है कि सॉफ्टवेयर का उपयोग अधिक होने से आरक्षण केन्द्र पहुंचने वाले यात्री कन्फर्म टिकट से वंचित रह जाते हैं।
