सितंबर तक नए अंदाज में नजर आएगी शताब्दी

ग्वालियर,
नई दिल्ली से हबीबगंज के बीच चलने वाली शताब्दी ट्रेन सितंबर माह तक पूरी तरह बदले हुए स्वरूप में नजर आएगी। रेलवे की स्वर्ण परियोजना के अंतर्गत ट्रेन के रंग से लेकर उसमें सुविधाओं की वृद्धि के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। डिस्पोजेबल हेड रेस्ट, फ्री वाईफाई, हॉट केस में भोजन जैसी सुविधाएं इसमें शामिल हैं। साथ ही इस टे्रन के कोच भी बदले जा सकते हैं। सीपीआरओ नई दिल्ली नीरज कुमार के अनुसार रेलवे यात्री सुविधाओं को विश्वस्तरीय बनाने के लिए दृढ़संकल्पित है। इसी के तहत सबसे पहले शताब्दी और राजधानी जैसी ट्रेनों को और स्तरीय बनाया जा रहा है। इसके तहत यात्रियों को नि:शुल्क वाई-फ ाई सबसे पहला कदम है। यात्री अपने मोबाइल एवं लैपटॉप पर नि:शुल्क इंटरनेट चला सकेंगे।
टॉयलेट कंट्रोल लॉक
जब तक ट्रेन स्टेशन पर रहेगी टॉयलट बंद रहेंगे। ट्रेन के स्टेशन पर भी टॉयलेट लॉक रहेंगे। इससे टॉयलट में होने वाली चोरी की घटनाएं कम होंगी। टॉयलेट से पानी बाहर न आए, इसलिए स्क्रेपर मैटिंग लगाई जाएगी।
डिस्पोजेबल हैड रेस्ट
ट्रेन के एग्जीक्यूटिव श्रेणी में डिस्पोजेबल हैड रेस्ट कवर दिए जाएंगे। इसे एक बार में इस्तेमाल करके फेंका जा सकेगा। इसका फायदा यह होगा कि इससे साफ-सफाई नहीं होने की शिकायतें कम होंगी।
दिव्यांगों के लिए विशेष सुविधा
ट्रेन को दिव्यांगों के लिए फ्रेंडली बनाया जाएगा। ट्रेन में लगे साइन बोर्ड, सीट नंबर आदि ब्रेल लिपि में होंगे।
हर तीन कोच में एक सफाई कर्मी
ट्रेन में साफ-सफाई बनी रहे इसके लिए शताब्दी ट्रेन में सफाई के लिए हर तीन कोच में एक कर्मचारी तैनात होगा। यात्रियों को शिकायत होने पर वह तय नंबर पर संपर्क करके सफाई करा सकेंगे।
बदले जा सकते हैं ट्रेन के कोच
नई दिल्ली से हबीबगंज के बीच चलने वाली हबीबगंज शताब्दी के कोच भी बदले जा सकते हैं। रेलवे सूत्रों के अनुसार इस ट्रेन के कोच काफी पुराने हो चुके हैं। ऐसे में इनमें आइसीएफ चेन्नई में बने नए कोच लगाए जा सकते हैं। ये एलएचबी कोच आरामदायक और सुरक्षा की दृष्टि से और बेहतर होंगे।
इनका कहना है
" स्वर्ण परियोजना के तहत नई दिल्ली से हबीबगंज के बीच चलने वाली शताब्दी एक्सप्रेस में सुविधाओं की वृद्धि के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं।
नीरज कुमार, सीपीआरओ "
