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अमानवीयता: जिला अस्पताल में शव की बेकदरी, भीषण गर्मी में हुआ खराब

अमानवीयता: जिला अस्पताल में शव की बेकदरी, भीषण गर्मी में हुआ खराब
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ग्वालियर, न.सं.। जिला अस्पताल के जिम्मेदारों ने अमानवीयता की सारी हदें पार कर दी हैं। यहां के शव विच्छेदन गृह के बंद फ्रिजर में शव को रखने से वह बुरी तरह खराब हो गया और पूरे अस्पताल में दुर्गंध फैल गई। वहीं शव की ऐसी बेकदरी देख परिजन भडक़ गए और शव विच्छेदन कराने से इनकार करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। इससे अस्पताल परिसर में अफरातफरी मच गई। हालांकि जिम्मेदारों ने कार्रवाई का आश्वासन देकर हंगामे को शांत कराया और शव विच्छेदन करा कर शव को परिजनों को सौंपा।

मुरार छह नम्बर चौराहा निवासी 28 वर्षीय मोनू कटारे ने गत दिवस फंदा लगाकर अपनी जान दे दी थी। इस पर मोनू के शव को जिला अस्पताल के शव विच्छेदन पुलिस द्वारा गत दिवस शाम करीब 6 बजे पहुंचाया गया। लेकिन यहां मौजूद स्टाफ ने शव को बंद फ्रिजर में रख दिया। परिजन बुधवार की सुबह करीब 10 बजे जब अस्पताल पहुंचे और शव विच्छेदन के लिए शव को फ्रिजर के बाहर निकाला तो दंग रह गया। क्योंकि फ्रिजर बंद होने के कारण भीषण गर्मी में शव बुरी तरह फूल गया था और बहुत ज्यादा दुर्गंध आ रही थी। इतना ही नहीं दुर्गंध इतनी तेज थी कि अस्पताल परिसर में भी फैल गई। यह देख परिजन गुस्सा गए और हंगामा करने लगे। हंगामे की सूचना मिलते ही सिविल सर्जन डॉ. आर.के. शर्मा भी मौके पर पहुंच गए। मृतक के बड़े भाई दिनेश का आरोप था कि जब वह शव रखने आए थे तक फ्रिजर बंद था, जिसे चालू करने के लिए कर्मचारी से भी कहा गया। उसके बाद भी फ्रिजर चालू नहीं किया गया। इसलिए मामले की जांच कर कार्रवाई की जाए। वहीं मामला बढ़ता देख सिविल सर्जन डॉ. शर्मा ने परिजनों को कार्रवाई का आश्वासन देकर मामला शांत कराया। जिसके बाद शव का विच्छेदन हुआ और परिजन शव लेकर चले गए।

मां व पत्नी ने नहीं देख सकीं अंतिम बार चेहरा

एम्बुलेंस से परिजन शव को घर लेकर पहुंचे, लेकिन शव को एम्बुलेंस से बाहर नहीं निकाला गया। इतना ही नहीं मृतक की पत्नी व मां आखिरी बार चेहरा दिखाने के लिए रोती रहीं, लेकिन जिम्मेदारों की अंदेखी के कारण वह अंतिम बार चेहरा भी नहीं देख सकीं।

चार कंधे भी नहीं हो सके नसीब

शव में दुर्गंध आने से मृतक को चार कंधे भी नसीब नहीं हो सके। परिजन शव को एम्बुलेंस से ही मुरार मुक्तीधाम लेकर पहुंचे। जहां मृतक के तीन वर्षीय बेटे ने पिता को मुखगनी दी। मृतक के भाई दिनेश का कहना है कि शव से इतनी दुर्गंध आ रही थी कि कोई कांधे देने भी आगे नहीं आया। जिस कारण एम्बुलेंस से ही शवयात्रा निकाली गई। वहीं दाह संस्कार के लिए पहुंचे लोग भी अपने मुंह पर कपड़ा बांधे रहे।

सुरक्षाकर्मी ने रखवाया था शव

शवों को रखवाने की जिम्मेदार अस्पताल प्रबंधन द्वारा वार्ड वॉय परमानन्द को दी गई है। लेकिन मृतक मोनू के शव को रखने के लिए वार्ड वॉय ने सुरक्षाकर्मी को चाबी थमा दी। वहीं सुरक्षाकर्मी को यह पता नहीं था कि फ्रिजर बंद हैं। जिसको लेकर अब जिम्मेदारों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

शव को रखने की जिम्मेदारी वार्ड वॉय की है। इसलिए वार्ड वॉय को नोटिस जारी किया गया है। ड्यूटी पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों को भी हटाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही शव विच्छेदन गृह के प्रभारी डॉ. सुनील शर्मा को भी नोटिस जारी किया जाएगा।

डॉ. आर.के. शर्मा

सिविल सर्जन

Updated : 11 Jun 2022 9:47 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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