बड़े लोगों नहीं छोटे वर्ग के लिए कार्य कर रही मोदी सरकार : सांसद प्रवीण खंडेलवाल

ग्वालियर। नई दिल्ली में चांदनी चौक से सांसद एवं कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सभी वर्गों के लिए योजनाओं के माध्यम से उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं। ऐसे में जो लोग यह कहते हैं कि सरकार बड़े लोगों की है, एकदम निराधार है। इस तरह का नेरेटिव प्रस्तुत करने वाले प्रत्येक चुनाव में रिजेक्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने दस साल में कुछ नहीं किया इसलिए केंद्र, राज्य और महानगर पालिका मिलकर मेला कुचला कचरा साफ करने में लगे हैं।
यह बात श्री खंडेलवाल ने शनिवार को ग्वालियर प्रवास के दौरान स्वदेश से विशेष चर्चा करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सरकार को बदनाम करने यह नेरेटिव प्रस्तुत कर रहे हैं कि वह बड़े लोगों की है लेकिन हकीकत में सरकार अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से हर वर्ग के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने प्रति प्रश्न किया कि यदि शीर्ष उद्योगपतियों में अडानी, अंबानी या लक्ष्मी मित्तल का नाम आता है तो क्या उसपर अभिमान नहीं करें। यही नाम वालमार्ट, अमेजन या मस्क के आने पर कौन खुश होगा। दरअसल विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वह यह चिल्लाते हैं कि अडानी अंबानी की सरकार है।
श्री खंडेलवाल ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने दस साल में दिल्ली में कोई कार्य नहीं किया इसलिए डबल इंजन की सरकार और महा नगरपालिका पर हमारी सत्ता होने के नाते जिम्मेदारी ज्यादा है। दिल्ली की नई सरकार भी चुनौतियों से जूझकर अच्छा कार्य कर रही है। उसने मौहल्ला क्लीनिक का नाम बदलकर आयुष्मान आरोग्य मंदिर कर दिया है। यहां मरीजों का उपचार के साथ सभी तरह की जांचे निःशुल्क होती है। इसी तरह केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिलकर ऐसे बायपास बनाए जा रहे हैं जिससे ट्रकों और अन्य वाहनों के प्रदूषण से बचा जा सके। अन्य महत्वपूर्ण कार्य कर दिल्ली को बदलने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने दावे के साथ कहा कि आज 98 प्रतिशत टाॅय उद्योग स्वदेशी हो चुका है।
अटलजी के कहने पर हुई कैट की स्थापना
श्री खंडेलवाल ने कहा कि वर्ष 1990 में वह व्यापारियों की समस्याओं के लिए श्री अटलजी से मिलने गए थे तब उन्होंने कहा कि आप यह लड़ाई अकेले नहीं लड़ सकते इसके लिए व्यापारिक संस्था बनाओ। तब हमने कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की स्थापना की।
