मोदी सरकार की अमृत योजना को अधिकारियों ने लगाया पलीता

ग्वालियर । मोदी सरकार की अमृत योजना में हो रहे सौंदर्यीकरण संबंधी निर्माण कार्य को ठेकेदार और निगरानी एजेंसी पलीता लगा रही हैं। 800 करोड़ रुपए के जो काम शहर में अमृत योजना के तहत होने वाले हैं, उनमें कई प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिनमें बीते सालों में दूसरी योजना के तहत हो चुके हैं। बावजूद इसके निगम ने फिर से नए प्लान के तहत उन कामों को करने का प्लान बनाया है, जिसमें सबसे अहम प्लान ग्वालियर में पानी की टंकियां बनाने का है, जिसमें 60 करोड़ की लागत से 43 नई टंकियां बनाई जानी है, लेकिन विपक्ष का सवाल है कि जब ग्वालियर में पानी ही नहीं है तो फिर नई टंकियां बनाने के लिए करोड़ों रुपए की राशि खर्च क्यों की जा रही है?
इतना ही नहीं अधिकारियों ने अभी तक शहर के पार्षदों को अमृत योजना के बारे में जानकारी नहीं दी है। पार्षदों का आरोप है कि अधिकारी बिना योजना के काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं जिन स्थानों पर पानी की पाइप लाइन की जरूरत ही नहीं है, वहां पर बिना योजना के पानी की पाइप लाइन डाली जा रही है। परिषद की बैठक में पार्षदों ने अमृत योजना को लेकर कई बार जानकारी मांगी, लेकिन उसके बाद भी अधिकारी पार्षदों को अमृत योजना के तहत होने वाले कार्यों की जानकारी देने से बच रहे हैं। इतना ही नहीं निगमायुक्त विनोद शर्मा को नगरीय प्रशासन मंत्री मायासिंह ने आदेश दिए थे कि पार्षदों को अमृत योजना के तहत होने वाले कार्यों की जानकारी दी जाए, साथ ही उनके सुझाव लेकर उन पर अमल किया जाए, लेकिन उसके बाद भी नगर निगम के अधिकरियों ने पार्षदों को अभी तक कोई जानकारी नहीं दी है।
नेता प्रतिपक्ष ने कई बार लिखा पत्र, नहीं दी जानकारी
नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित ने अमृत योजना के तहत होने वाले कार्यों को लेकर जानकारी मांगी, लेकिन आज तक जानकारी नहीं दी गई। सूत्रों की मानें तो अमृत योजना के तहत शहर में जो कार्य हो रहे है, उनमें साफ तौर पर अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार नजर आ रहा है, जिसके चलते नगर निगम के अधिकारी अमृत योजना के तहत होने वाले कार्यों की जानकारी देने से बच रहे हैं।
परिषद की बैठक में उठ चुका है मुद्दा
बीते दिनों परिषद की बैठक में भी अमृत योजना को लेकर सत्ता पक्ष व विपक्ष के पार्षदों ने जमकर हंगामा किया था, लेकिन उसके बाद भी नगर निगम के अधिकारी कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं। इतना ही नहीं जहां पर अमृत योजना के तहत काम हो रहे हैं, वहां के क्षेत्रीय लोग इन दिनों नारकीय जीवन जीने को मजबूर हो रहे हैं, लेकिन उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है।
मायासिंह ने भी दी है चेतावनी
बीते दिनों भोपाल में आयोजित बैठक में नगरीय प्रशसन मंत्री भी ग्वालियर के विकास कार्यों को लेकर काफी चिंतित नजर आई थीं। उन्होंने अधिकारियों से साफ शब्दों में कहा था कि मैं भोपाल से विशेषज्ञों की टीम ग्वालियर भेजूंगी, जो इस बात की जांच करेगी कि यहां अमृत योजना के कौन-कौन से कार्य हैं, जो अपनी निर्धारित अवधि से विलंब से चल रहे हैं।
इनका कहना है
मैंने आयुक्त को कई बार पत्र लिखा है कि अमृत योजना के तहत क्या कार्य होने हैं। इसकी जानकारी दी जाए, लेकिन अभी तक कोई भी जवाब नहीं आया है। नगर निगम के अधिकारी बिना योजना के काम कर रहे हैं, जो गलत है।
कष्णराव दीक्षित
नेता प्रतिपक्ष
हमारे वार्ड में जहां पाइप लाइन डाली जानी थी, वहां तो डाली नहीं गई है। मुझे तो अमृत योजना के तहत हो रहे कार्यों का तब पता चलता है, जब कर्मचारी काम कर लेते हैं। वार्ड में जहां पानी की पाइप लाइन की आवश्यक है, वहां नहीं डाली जा रही है।
जगत सिंह कौरव, निर्दलीय पार्षद
नगर निगम के अधिकारी अपने हिसाब से काम कर रहे हैं। हमें अभी तक यह नहीं पता है कि हमारे वार्ड में अमृत योजना के तहत क्या काम होने हैं।
पुरुषोत्तम टमोटिया, भाजपा पार्षद
पूरे वार्ड में अभी तक दस प्रतिशत काम हुए हैं। मेरे वार्ड में पिंटो पार्क, प्रीतम विहार, गायत्री विहार आदि में अमृत योजना के तहत काम होने हैं, वहां कोई भी काम शुरू नहीं हुए हैं। इतना ही नहीं जहां अमृत योजना के तहत काम शुरू किए हैं, वहां इतना बुरा हाल है कि लोग परेशान हो रहे हैं । डम्बर व कंक्रीट की सडक़ें खोद कर रख दी हैं। क्षेत्रीय लोग मेरे घर पर आकर शिकायतें कर रहे हैं।
बलवीर सिंह तोमर, भाजपा पार्षद
