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मंत्री ने निगमायुक्त से कहा था, हरा चारा बंद नहीं होना चाहिए...

बीस दिन से गौवंश को खिला रहे सूखा भूसा

मंत्री ने निगमायुक्त से कहा था, हरा चारा बंद नहीं होना चाहिए...
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ग्वालियर,न.सं.। गोले का मंदिर स्थित गौशाला में एक बार फिर से हरे चारे का संकट पैदा हो गया है। गौवंश को पिछले 20 दिनों से सूखा भूसा खिलाया जा रहा है। जबकि ुछ माह पहले मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने खुद निगमायुक्त को साफ निर्देश दिए थे कि हरा चारा बंद नहीं होना चाहिए। कुछ दिनों को गौवंश को हरा चारा दिया गया, लेकिन उसके बाद गौवंश को फिर से सूखा भूसा दिया जा रहा है।

इन दिनों गौशाला में बंद गायों को न तो इस समय हरा चारा खाने को मिल रहा है और ना ही पीने को साफ पानी है। गौशाला में हालत यह है कि गायों के पीने के लिए बनाई गई पानी की टंकियों में कचरा और कीड़े नजर आ रहे हैं। गौशाला में बंद बीमार गायों की भी देखरेख नहीं हो रही है। जबकि नगर निगम गौशाला के देखरेख पर प्रतिमाह लाखों रुपए खर्च कर रही है। इस समय गौशाला में गायों को खाने को सूखा भूसा ही मिल रहा है। गोले का मंदिर स्थित मार्क हॉस्पिटल की गौशाला में दो हजार से अधिक गाय है। लेकिन वर्तमान में गायों को पर्याप्त भोजन न मिलने से गायों की हालत यह हो रही है कि वह ठीक से चल तक नहीं पा रही है। इस मामले में निगमायुक्त संदीप माकिन का कहना है कि वह वहां मौजूद अधिकारियों से चर्चा कर हरे चारे को शुरू करने के निर्देश देंगे।

नहीं खा रहीं सूखा भूसा

सूत्रों का कहना है कि गायों को पेट भरने के लिए गोशाला में सिर्फ सूखा भूसा खिला रहे हैं, इस कारण गाय उसे नहीं खा रही हैं और वह भूखी भी रह जाती हैं। इस संबंध में जब कुछ पशु पालकों से बात की गई तो उन्होंने स्वीकार किया कि कोई भी मवेशी सिर्फ सूखा भूसा अकेला नहीं खा सकता है। यही कारण है कि भूसे की सानी बनाई जाती है या फिर उसमें हरा चारा काटकर मिलाया जाता है, ताकि मवेशी उसे खा सकें। अकेला भूसा न खाने पाने के कारण कई गाय भूखी रह कर भी मौत के आगोश में समा जाती हैं।

Updated : 12 Oct 2021 11:14 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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