जयारोग्य चिकित्सालय में पर्चे पर लिखीं हिंदी में दवाएं, सीएम के आग्रह पर ऊं हरि लिख कर की शुरूआत

ग्वालियर, न.सं.। अक्सर हमें चिकित्सकों द्वारा लिखे गए पर्चे पर दवाइयों के नाम पढऩे में दिक्कत आती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा था कि कोई चिकित्सक अंग्रेजी के बजाए हिंदी में दवाई के पर्चे लिखेगा। लेकिन गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. अक्षय निगम व उनकी यूनिट के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित अग्रवाल ने मरीज का परीक्षण कर हिंदी में मरीज का नाम और दवाओं का नाम हिंदी में लिखी। साथ ही पर्चे की शुरुआत ऊपर ऊॅं हरि लिखकर की गई है।
दरअसल मप्र में हिंदी को बढ़ावा दिया जा रहा है। मप्र देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहां मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में शुरू की गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को मेडिकल पाठ्यक्रम की हिंदी की किताबों का विमोचन भोपाल में किया था। इससे पहले शनिवार को एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चिकित्सकों से पर्चे पर दवाएं व नाम हिंदी में लिखने का अग्रह किया था। इसी बात को ध्यान में रखते हुए जयारोग्य चिकित्सालय कैंसर रोग विभाग के डॉ. अमित अग्रवाल ने पर्चे पर नाम व दवाएं हिंदी में लिखी हैं। डॉ. अग्रवाल का कहना है कि मुख्यमंत्री के अग्रवाल के बाद हिंदी में पर्चा लिखना शुरू किया है। अधिष्ठाता डॉ. निगम का कहना है कि जयारोग्य में यह पहला पर्चा है जो हिंदी भाषा में लिखा गया, जिससे मरीज को सभी दवाएं आसानी से समझ आ सकें।
डॉ. निगम ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का चिकित्सा शिक्षा में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए आभार प्रकट किया।
यह दवाएं लिखी हिंदी में
डॉ. अग्रवाल द्वारा पर्चे पर जो दवाएं हिंदी में लिखी हैं, उनमें छह प्रकार की दवाएं लिखी गई हैं। जिसमें तीन इंजेक्शन, दो टेबलेट व एक सीपर शामिल हैं। इंजेक्शन में आईफोसफामाइड, कारबोप्लेटीन, पैक्लोटेसिला के अलावा टेबलेट में क्रोसिन व एसिलोक सहित हिंदी में एक सीरप भी लिखा है।
