जयारोग्य की वजह से स्वच्छता सर्वेक्षण में कटेंगे नम्बर, खुले में जलाया जा रहा कचरा

ग्वालियर, न.सं.। शहर को स्वच्छता में नम्बर 1 बनाने के लिए जहां नगर निगम जी जान से जुटा हुआ है। वहीं दूसरी ओर जयारोग्य चिकित्सालय में स्वास्थ्य की धज्जियां तो उठाई ही जा रही है। साथ ही शहर की हवा को भी जहरीला बनाया जा रहा है। लेकिन उसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे।
दरअसल जयारोग्य चिकित्सालय से निकले वाला जैविक कचरे को शहर के बाहर बने इंसियूनेटर में भेजा जाता है, जहां नियम अनुसार कचरे को नष्ट किया जाता है। इसी तरह सामान्य कचरे को भी नियम अनुसार भेजा जाता है। लेकिन इन दिनों अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा नियमों की धज्जियां उठाते हुए कचरे को अस्पताल परिसर स्थित गैरिज के पास एकत्रित कर खुले में जला रहे हैं। जिसका धुंआ माधव डिस्पेंसरी रोड़ स्थित एम.डी.आर टीबी अस्पताल गैरिज के आस-पास बने चिकित्सकों व कर्मचारियों के आवासों तक पहुंचता है। जिससे लोगों में संक्रमण होने का खतरा बना हुआ है। जबकि कचरे को लेकर केंद्र सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए नियम भी बनाया है। लेकिन जिम्मेदारों को सरकार के नियमों का भी कोई फर्क नहीं पड़ता। इतना ही नहीं खुले में कचरा लगाने को लेकर अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदारों के पास कई बार शिकायतें भी पहुंच चुकी है, उसके बाद भी जिम्मेदार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे।
क्षय रोग अधिकारी लिख चुके है कई बार पत्र
जैविक कचरे से उठने वाले धुएं से एम.डी.आर अस्पताल में भर्ती टीबी के गम्भीर मरीजों को खांसी व श्वांस सम्बंधित जैसी बिमारियां हो रही हैं, जिसको लेकर चिकित्सक अस्पताल अधीक्षक को कई बार पत्र भी लिख चुके हैं, लेकिन आज दिन तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
कर्मचारियों का घर से निकलना हुआ मुश्किल
गैरिज परिसर के पास खुले में सुबह 10 बजे जब जैविक कचरा जलाया जाता है तो वहां रहने वाले कर्मचारियों के घर तक धुंस पहुंचता है, जिसके कारण कर्मचारियों का सुबह 10 से 11 बजे तक घर से निकलना मुश्किल हो जाता है।
महाविद्यालय के पीछे भी लाया जा रहा कचरा
जयारोग्य अस्पताल परिसर के अलावा गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के पीछे भी खुले में कचरा एकत्रित कर कर्मचारियों द्वारा जला दिया जाता है। जिसको लेकर चिकित्सक भी परेशान हैं। क्योंकि कचरे से उठने वाला धुंआ विभागों तक पहुंच जाता है।
