ग्वालियर : देश हित में यह नुकसान सहने को भी तैयार
लॉकडाउन से 75 करोड़ का किराना कारोबार नुकसान
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ग्वालियर,। कोरोना वायरस के चलते 22 मार्च से शहर में चल रहे लॉकडाउन के कारण भले ही व्यापारियों को नुकसान हो रहा हो, लेकिन देशहित में वे इस नुकसान को उठाने को भी तैयार हैं। कई व्यापारियों का कहना है कि कोरोना से निपटने के लिए लॉकडाउन बहुत जरूरी है। इससे जो महामारी फैलती, वह कहीं अधिक नुकसानदायक साबित होती।
वर्तमान में शहर के लश्कर, ग्वालियर एवं मुरार में थोक की 800 से अधिक दुकानें व फुटकर की 5 से 6 हजार दुकानें हैं। इन दुकानों पर प्रतिदिन 4 से 5 करोड़ रुपए का कारोबार होता है। लॉकडाउन के कारण छोटी व बड़ी दुकानें बंद होने के कारण अब तक 60 से 75 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। वहीं व्यापारियों का कहना है कि आगामी दिनों में यह नुकसान 50 करोड़ से और अधिक बढ़ सकता है। व्यापारियों का कहना है कि बाजार कब और कैसे संभलेगा इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है।
बेरोजगार होकर बैठे घर:-
कोरोना वायरस व लॉकडाउन के कारण शहर लगभग पिछले 14 दिनों से बंद है, जिससे लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। लश्कर, ग्वालियर व मुरार में प्रतिदिन लगभग पांच हजार लोग लोडिंंग, पल्लेदारी एवं ठेला चलाने का काम करते हैं। इन लोगों को पिछले कई दिनों से कोई रोजगार नहीं मिला है, जिससे यह लोग बेरोजगारी के कागार पर आ गए हैं। कई जगह तो भुखमरी जैसी स्थिति पैदा हो गई है।
यह भी हो रहा है नुकसान:-
- व्यापारियों को बैंक की किश्त, उधार पैसे पर ब्याज भी देना पड़ रहा है।
- व्यापारियों को पुराने पैसे की वसूली भी नहीं हो पा रहीं है।
- बिजली आदि का बिल भी देना पड़ रहा है।
- दुकानों का किराया भी देना पड़ रहा है।
इनका कहना है:-
'अन्य देशों की अपेक्षा भारत देश की स्थिति बहुत अच्छी है। यह सब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के कारण हो रहा है। जिस प्रकार से सामाजिक संस्थाएं गरीब लोगों को भोजन का वितरण कर रही हैं, उसी प्रकार से प्रशासन को भी इस दिशा में प्रयास करना चाहिए।'
विजय गोयल
अध्यक्ष, चेम्बर ऑफ कॉमर्स
'अभी तो बाजार की हालत बहुत खराब है। प्रतिदिन चार से पांच करोड रुपए का नुकसान हो रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा जनहित फायदे के लिए, लिए गए यह निर्णय सराहनीय है। '
मनीष बांदिल
सचिव, दाल बाजार व्यापार समिती
स्वदेश डेस्क
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