जेसीबी देखकर दहशत में आए लोग, जो मकान बचे थे उनमें शुरु हुई तुड़ाई

जेसीबी देखकर दहशत में आए लोग, जो मकान बचे थे उनमें शुरु हुई तुड़ाई
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अधिकारियों ने निकाला फ्लैग मार्च, लोगों से कहा खुद ही तोड़ लें मकान

ग्वालियर,न.सं.। सेवा नगर से लोहा मंडी और किला गेट चौराहा तक 244 भवनों में से अधिकत्तर लोगों ने अपने मकानों को तोड़ लिया है। 15 से 20 प्रतिशत ऐसे लोग है जिन्हांने अभी तुड़ाई शुरु नहीं की है। वहीं कुछ भवन स्वामी ऐसे भी है जिन्होंने अपनी दुकाने खाली कर ली है और वह इस इंतजार में बैठे है कि मदाखलत अमला आकर ही खुद तुड़ाई कर दे। रविवार को एसडीएम प्रदीप तोमर व क्षेत्राधिकारी राकेश कश्यप के नेतृत्व में सुबह फ्लैग मार्च निकाला गया।

इस दौरान लोगों ने जैसे ही जेसीबी मशीनों को देखा तो वहां हडक़ंप मच गया। कोई मलबा हटाता दिखा तो कोई अपनी दुकान खाली करता हुआ। अधिकारियों ने स्थिति को देखते हुए मार्ग को बंद कर सबसे पहले वहां से मलबा हटाने का निर्णय लिया। शाम तक जेसीबी मशीनों से मलबे को हटाया गया। इस दौरान जिन लोगों ने अपने मकान नहीं तोड़े थे उन्हें निगम अधिकारियों ने समझाइश दी कि दो दिन के अंदर अपने मकानों को तोड़ ले, नहीं तो निगम को कार्रवाई करनी पड़ेगी।

यहां बता दे कि सेवा नगर से लोहा मंडी और किला गेट चौराहा तक कुल 244 संपत्तियों को सडक़ चौड़ीकरण के चलते तोडऩे के लिए नगर निगम ने नोटिस जारी किए थे। किला गेट पर तोडफ़ोड़ के बाद जब सेवा नगर में कार्रवाई की बारी आई, तो विधायक डॉ. सतीश सिकरवार के दखल के चलते लोगों को दो दिन स्वयं ही अपने मकान तोडऩे की मोहलत दी गई थी। तब से लोग स्वयं ही अपने मकान तोडऩे में लगे हुए थे। कई लोगों ने लगाए गए निशान तक तोडफ़ोड़ करने के बाद इसे नए सिरे से बनाना भी शुरू कर दिया था। शनिवार को अचानक ही सेवा नगर में कुछ दुकानदारों के बीच अफवाह फैल गई कि न्यायालय ने इस तोडफ़ोड़ को रोकने के लिए स्थगन दे दिया है। जैसे ही यह अफवाह फैली वैसे ही कुछ लोगों ने राहत की सांस ली और तोडफ़ोड़ बंद कर दी। शायद यही कारण है कि रविवार को प्रशासनिक अधिकारियों ने निरीक्षण कर लोगों को समझाइश दी।

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