27 को खुलेगा भगवान कार्तिकेय का मंदिर, 400 वर्ष पुराना है यह मंंदिर

ग्वालियर, न.सं.। जीवाजी गंज स्थित भगवान कार्तिकेय का मंदिर 27 नवंबर सोमवार को खुलने जा रहा है। यह मंदिर 400 वर्ष पुराना है और वर्ष में केवल एक बार एक दिन के लिए ही खुलता है। यह मंदिर रविवार की रात्रि 12 बजे खुल जाएगा और सुबह 04 बजे से भक्तों द्वारा दर्शन करना प्रारंभ कर दिए जाएंगे इसके बाद सोमवार की रात्रि 12 बजे इस मंदिर को एक वर्ष के लिए बंद कर दिया जाएगा। वहीं मंदिर खोले जाने से पहले मंदिर में साफ-सफाई का दौर शुरू हो गया है।
प्रथम आराध्य भगवान गणेश के भाई, भगवान शिव और पार्वती के पुत्र कार्तिकेय स्वामी का देश का सबसे प्राचीन मंदिर ग्वालियर में स्थित है। इस मंदिर के पट साल में केवल एक बार मात्र चौबीस घंटे के लिए कार्तिक पूर्णिमा के दिन खुलते हैं। इस मंदिर में भगवान कार्तिकेय के दर्शन करने के लिए दूर से दूर से लोग आते हैं। यहां आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार महादेव शिव और माता पार्वती ने जब अपने पुत्र गणेश और
कार्तिकेय के विवाह की सोची तो दोनों के सामने शर्त रखी कि जो ब्रह्मांड की परिक्रमा करके सबसे पहले लौटेगा उसका विवाह सबसे पहले करेंगे। इसके बाद कार्तिकेय अपने वाहन गरुण पर सवार होकर ब्रह्मांड की परिक्रमा करने निकल गए। गणेश ने बुद्धिमत्ता का प्रदर्शन करते हुए अपने माता-पिता की परिक्रमा की और सामने आकर बैठ गए। उनका विवाह हो गया। यह बात नारदमुनि के जरिए कार्तिकेय को पता चली तो वे क्रोधित हो गए।
यह पता चलने पर शिव पार्वती उन्हें मनाने पहुंचे तो उन्होंने श्रृाप दे दिया कि जो भी उनके दर्शन करेगा, वह सात जन्मों तक नरक भोगेगा। लेकिन माता-पिता के बहुत मनाने पर वे अपने श्राप को थोड़ा परिवर्तन करने को राजी हुए। उन्होंने वरदान दिया कि उनके जन्मदिन कार्तिक पूर्णिमा पर जो भी भक्त उनके दर्शन करेगा, उसकी हर मनोकामना पूर्ण होगी। तभी से उनके वर्ष में एक बार दर्शन की प्रथा शुरू हुई।
