चरित्र से भी काले हैं जातिगत जहर उगलने वाले षड्यंत्रकारी
- आनंद नगर थाटीपुर निवासी मकरंद बौद्ध पुत्र ब्रह्मप्रकाश जाटव उम्र 34 वर्ष
- दो वर्ष पूर्व थाटीपुर क्षेत्र में भी जातिगत दंगा भड़काकर इन्हीं लोगों ने अपनी रोटियां सेंकी थीं।
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ग्वालियर/वेब डेस्क। समाज में रहकर एक-दूसरे के प्रति सांप्रदायिक जहर घोलने वालों के चरित्र में भी जहर है, ऐसा दो रोज पूर्व सिरोल थाना में सम्यक समाज संघ के स्वयंभू कर्ताधर्ता मकरंद बौद्ध को एक साथी सहित महिला के साथ दुष्कर्म करते पकड़े जाने पर उजागर हुआ है। इतना ही नहीं दो वर्ष पूर्व थाटीपुर क्षेत्र में भी जातिगत दंगा भड़काकर इन्हीं लोगों ने अपनी रोटियां सेंकी थीं। जिसमें आधा दर्जन निर्दोष लोग मारे गए थे।
उल्लेखनीय है कि आनंद नगर थाटीपुर निवासी मकरंद बौद्ध पुत्र ब्रह्मप्रकाश जाटव उम्र 34 वर्ष को 30 जून की दोपहर अपने एक साथी योगेश चौधरी के साथ सिरोल थाना क्षेत्र के कॉस्मो वैली के फ्लैट क्रमांक बी-11 में दो युवतियों के साथ रंगरैलियां मनाते पकड़ा गया था। जिस पर आस-पड़ौस के लोगों ने युवती की चीख-पुकार सुनकर पुलिस को खबर कर दी थी। पुलिस ने जब इस फ्लैट पर दबिश दी तो मकरंद बौद्ध उस युवती के साथ जबरदस्ती कर रहा था। पुलिस ने युवती की शिकायत पर थाना सिरोल में मकरंद और योगेश के खिलाफ धारा 376, 34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया। बाद में न्यायालय में पेश करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। मकरंद बौद्ध और सम्यक समाज संघ के लाखन बौद्ध के द्वारा इसके पहले एक समाज विशेष के भोलेभाले लोगों को बहला-फुसलाकर साम्प्रदायिक जहर घोलने का काम किया जाता रहा है। इसके पीछे उनकी बहुजन समाज पार्टी की राजनीति चमकाना मुख्य उद्देश्य रहा है। जिसमें उनका साथ देने वाले कई लोगों के खिलाफ दो अप्रैल 2018 को थाटीपुर और अन्य क्षेत्रों में हुए उपद्रव के कारण विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किए गए थे। चूंकि इन लोगों ने इस मुद्दे को जातिगत और राजनीतिक रंग देकर जमकर अपनी रोटियां सेंकी। जिससे इनका स्याह चेहरा उजागर हुआ।
लाखन बौद्ध ने दिया भड़काऊ भाषण, पुलिस अधिकारियों को बताया हत्यारा
27 मई 2020 को सिरोल थाना क्षेत्र में पारस जौहरी की हत्या के बाद लाखन बौद्ध ने जिस तरह से फेसबुक लाइव पर आकर एक बार फिर उपद्रव कराने जैसी करतूत की। जिसमें उनके द्वारा राजनीतिक दलों के खिलाफ जहर उगला गया। इसमें कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर भी जब लांछन लगाए गए। जिसमें पुलिस अधिकारियों को हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया। जबकि जौहरी की हत्या के पीछे आपसी और पारिवारिक विवाद सामने आया है, फिर भी लाखन इसे जातिगत तराजू में तौलते हुए सीधे तौर पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदार ठहरा रहा था। इसमें एक वरिष्ठ अधिकारी के लिए डबरा और ग्वालियर में दंगा भड़काने के आरोप लगाए गए और कहा गया कि यदि मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने इन्हें नहीं हटाया तो बसपा की सरकार बनने पर देखा जाएगा। इसके अलावा उनके द्वारा हाल ही में बसपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए पी.एस. मण्डेलिया के खिलाफ भड़काऊ बाते कहीं गईं। भाजपा एवं कांग्रेस के लिए यह कहा गया कि इनकी पिटाई होने वाली है, यह लोग हमसे एक किलोमीटर की दूरी पर रहें।
मुरैना में भी कराना चाहते थे उपद्रव
कुछ दिन पूर्व मुरैना में भीम आर्मी के नाम पर मनोज सोमिल के द्वारा 27 जून को एक आंदोलन की घोषणा की गई थी, जिसमें सबलगढ़ के नायब तहसीलदार की एक फेसबुक पोस्ट को यह कहकर आधार बनाया था कि उनके द्वारा आरक्षण पर टिप्पणी की गई है। बस इसी बात पर अपने आपको बौद्ध धर्म के अनुयायी बताने वाले लोग भड़क गए और शहरभर में पोस्टर लगाकर एक समाज के लिए भड़काऊ बातें कहीं गईं। आंदोलन के नाम पर उपद्रव की तैयारी में जुट गए, किन्तु प्रशासन की सक्रियता से इन सभी को बैठाकर समझाइश दी गई जिससे फिलहाल इनका षडय़ंत्र विफल हो गया।
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इनका कहना है
हम समरसता और सभी देवी-देवताओं को मान्यता देते हैं। किसी को भी किसी अन्य वर्ग के लिए भड़काऊ और अश्लील बातें कहने का अधिकार नहीं है। समाज को बनाना ज्यादा महत्वपूर्ण है न कि बिगाडऩा।
- सुधीर मंडेरिया, प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय दलित वर्ग संघ
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