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पहली बार नन्हें शावकों ने दुनिया देखी, जल्द होगा नामकरण

एक दो दिन में सफेद बाघिन मीरा दे सकती है खुशखबरी

पहली बार नन्हें शावकों ने दुनिया देखी, जल्द होगा नामकरण
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ग्वालियर,न.सं.। सोमवार को गांधी प्राणी उद्यान(चिडिय़ाघर) में जश्न का माहौल था। यहां बाघिन दुर्गा के दो नन्हे शावकों को पहली बार पिंजरे से बाड़े में लाया गया। महीने भर पहले जन्मे इन दोनों शावकों की पहली झलक पाने के लिए चिडिय़ाघर में सैलानियों का हुजूम उमड़ पड़ा। चिकित्सकों ने विधिवत चैकअप के बाद दोनों को बाड़े में छोडऩे की इजाजत दी। बाघिन दुर्गा ने 6 मार्च की रात इन दो शावकों को जन्म दिया था। उधर चिडिय़ाघर में सफेद बाघिन की एक मादा मीरा भी गर्भवती है जो एक या दो दिन में खुशखबरी दे सकती है।

पेड़ों की छांव में आते ही दोनों शावकों ने खूब अठखेलियां कीं। वह मां के साथ दौड़े। उसके पीछे-पीछे घूमते रहे। जब मां ऊंचाई पर जाकर बैठ गई, तो दोनों ने चढऩे का प्रयास किया। जब नहीं चढ़ पाए, तो नाराज भी हुए। गुस्से में नीचे बैठ गए। शावकों को मां के साथ खेलते देखकर सैलानियों ने भी खूब आनंद लिया। अब शावकों को रोजाना शाम 5 से 6.30 बजे के बीच हाउसिंग से बाहर ओपन एरिया में लाया जाएगा।

इस मौके पर महापौर डॉ शोभा सिकरवार ने सभी बच्चों एवं उपस्थित नागरिकों को टॉफियां बांटकर मुंह मीठा कराया। इस दौरान एमआईसी सदस्य सुनीता अरुणेश कुशवाह, अपर आयुक्त मुकुल गुप्ता, उपायुक्त डॉ प्रदीप श्रीवास्तव, चिडिय़ाघर प्रभारी डॉ उपेन्द्र यादव उपस्थित रहे।

चिडिय़ाघर में हुआ था दुर्गा का जन्म

जू क्यूरेटर गौरव परिहार ने बताया कि गांधी प्राणी उद्यान (चिडिय़ाघर) में मादा दुर्गा एवं नर लव के द्वारा प्रथम बार शावकों को जन्म दिया गया है। मादा दुर्गा का जन्म गांधी प्राणी उद्यान में ही वर्ष 2018 में हुआ था। श्री परिहार ने बताया कि गांधी प्राणी उद्यान में बाघ के परिवार में 04 नर एवं 03 मादा सदस्य जिसमें से तीन सफेद एवं चार पीले हैं।

सैलानियों का हुजूम

जैसे ही शावक पिंजरे से निकलकर खुले बाड़े में आए तो यहां मौजूद नगर निगम के अधिकारी, सैलानी सहित बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं था। बाघिन के पीछे दोनों शावक पिंजरे से बाहर बाड़े में आए। शावकों ने पिंजरे से निकलते ही अचरज भरे अंदाज में पहली बार दुनिया को देखा। पल भर में ही वो ऐसे घुल मिल गए जैसे बरसों से वो यहां रह रहे हों, और देखते ही देखते अपनी मां के पीछे पीछे उछलकूद शुरू कर दी।

अभी सिर्फ मां का दूध पीएंगे

उद्यान के क्यूरेटर गौरव परिहार ने बताया कि शावकों के जन्म के बाद से पहली बार उन्हें एनक्लोजर में निकाला गया है। उन्होंने बताया कि शावक अभी तो मां के दूध पर ही निर्भर हैं, लेकिन एक महीने बाद उन्हें धीरे-धीरे उनको मटन भी दिया जाएगा।

Updated : 18 April 2023 12:30 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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