ये है हमारे शहर का सबसे बड़ा मुक्तिधाम, शव यात्रा लेकर जाना खतरे से खाली नहीं

ये है हमारे शहर का सबसे बड़ा मुक्तिधाम, शव यात्रा लेकर जाना खतरे से खाली नहीं
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ग्वालियर, न.सं.। महानगर की खस्ताहाल सड़कों की दशा किसी से छिपी नहीं है। दिखाने के लिए नगर के कुछ मार्ग जरूर चकाचक हैं लेकिन अन्य इलाकों की सड़कें आज भी घायल अवस्था में कराह रही हैं। हालत यह है कि शहर के मुक्तिधामों की ओर जाने वाले मार्ग भी दम तोड़ चुके हैं। इन सड़कों पर जहां गहरे गड्ढे हैं तो कई जगह जलभराव के कारण कंधे पर शवयात्रा ले जाना भी खतरे से खाली नहीं है। मुक्तिधाम के इन ऊबड़-खाबड़ मार्गों पर जब लोग अपने प्रियजन की मौत के बाद लोग उनकी अंतिम यात्रा चार कंधों पर लेकर चलते हैं तो उन्हें यह डर सताता है कि कहीं अर्थी से शव न गिर जाए और खुद के भी गिरने का खतरा महसूस होता है। शहर में सड़कें चमकाने के नाम पर नगर निगम प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है लेकिन उसके बाद भी महानगर के लक्ष्मीगंज, मुरार, चार शहर का नाका और विवेकानंद नीडम के पास स्थित मुक्तिधाम की ओर जाने वाले मार्ग आज भी खुदे ही पड़े हैं। शहर के सबसे बड़े लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम की सड़कों की हालत सबसे ज्यादा खराब है। जगह-जगह गहरे गड्ढे इस बात के गवाह हैं कि इस सड़क पर चलना अपनी जान जोखिम में डालना है। अंतिम यात्रा कंधों पर ले जाए जाए या स्वर्ग रथ में लेकिन मुक्तिधाम तक बिना हिचकोले खाए पहुंचना मुश्किल है। जनप्रतिनिधि भी मुक्तिधाम के इन खराब रास्तों को सही कराने के लिए कई बार नगर निगम के आला अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं लेकिन उसके बाद भी मुक्तिधाम की ओर जाने वाले मार्ग आज भी खुद ही पड़े हैं।

प्याऊ पर जम रही गंदगी, महीनों से नहीं हुई सफाई

लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम के बाहर लगे पानी के प्याऊ के हालत सबसे ज्यादा खराब है। दाह संस्कार के बाद बाहर आने वाले सभी लोग इस प्याऊ पर पानी पीते हैं। लेकिन इस प्याऊ की सफाई महीनों से नहीं हुई है। प्याऊ के आस-पास गंदगी जम रही है।

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