Home > राज्य > मध्यप्रदेश > ग्वालियर > बोझ के तले दबे कनिष्ठ चिकित्सक, आ रहे कोरोना की गिरफ्त में

बोझ के तले दबे कनिष्ठ चिकित्सक, आ रहे कोरोना की गिरफ्त में

संक्रमितों का उपचार करने में वरिष्ठ चिकित्सक बना रहे दूरी, स्टाफ पर थोपी जिम्मेदारी

बोझ के तले दबे कनिष्ठ चिकित्सक, आ रहे कोरोना की गिरफ्त में
X

ग्वालियर, न.सं.। जिले में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच जहां जयारोग्य अस्पताल की व्यवस्थाएं बुरी तरह गड़बडा गई हैं। वहीं ऊपर से वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा पूरी तरह सहयोग नहीं किए जाने से सारा भार कनिष्ठ चिकित्सकों पर आ गया है। यही कारण है कि बड़ी संख्या में कनिष्ठ चिकित्सक कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार करने के दौरान संक्रमित हो रहे हैं। इसके साथ ही नर्सिंग स्टॉफ भी संक्रमित हुआ है।

जयारोग्य चिकित्सालय में अभी तक कुल 100 कनिष्ठ चिकित्सक संक्रमण की चपेट में आए हैं। जबकि वरिष्ठ चिकित्सकों की बात करें तो करीब 12 वरिष्ठ चिकित्सक ही संक्रमित हुए हैं। इन आंकड़ों से साफ है कि जयारोग्य को वरिष्ठ चिकित्सक नहीं कनिष्ठ चिकित्सक ही चला रहे हैं। जिन वरिष्ठ चिकित्सकों के कंधों पर मरीजों की जिम्मेदारी है उन्हें मरीजों को देखने की फुर्सत ही नहीं है। जयारोग्य के आईसोलेशन वार्ड, सुपर स्पेशलिटी, कोल्ड ओपीडी सहित संदिग्ध मरीजों के नमूने लेने से लेकर सामान्य ओपीडी तक में 24 घंटे कनिष्ठ चिकित्सक ही मरीजों को देख रहे हैं। इन आंकड़ों में सबसे ज्यादा वह कनिष्ठ चिकित्सक संक्रमित हैं जो या तो सुपर स्पेशलिटी में ड्यूटी कर रहे थे या फिर कोरोना संदिग्ध मरीजों के नमूने ले रहे थे। इतना ही नहीं सामान्य ओपीडी की बात करें तो अधिकांश चिकित्सक अपनी ओपीडी से गायब ही रहते हैं। साथ ही इमरजेंसी, ऑपरेशन, आईसीयू, ट्रॉमा सेंटर, बर्न यूनिट सब जगह कमान कनिष्ठ चिकित्सक ही संभाले हैं।

फोन पर दे रहे उपचार

जयारोग्य के विभिन्न वार्डों में भर्ती सामान्य मरीजों की बात करें तो यहां भी वरिष्ठ चिकित्सक राउण्ड लेने नहीं जाते। इतना ही नहीं अगर किसी मरीज को कोई परेशानी होती है तो वरिष्ठ चिकित्सक कनिष्ठ चिकित्सक को फोन पर ही उपचार बता देते हैं।

ट्रॉमा सेन्टर का भी यही हाल

इधर ट्रॉमा सेन्टर की बात करें तो यहां भी पूरी व्यवस्थाएं कनिष्ठों के भरोसे ही हैं। जबकि ट्रॉमा सेन्टर में अधिकांश ऐसे मरीज ही पहुंचते हैं, जिनकी स्थिति गंभीर होती है। लेकिन ट्रॉमा में कोई भी वरिष्ठ चिकित्सक रात के समय किसी भी मरीज को देखने नहीं पहुंचते।

अस्पताल के समय मिलते हैं क्लीनिक पर

जयारोग्य के कई चिकित्सक तो ऐसे हैं जो अस्पताल के समय में अपनी निजी क्लीनिक पर मरीजों को देखने में व्यस्त होते हैं और मरीज उनका जयारोग्य में घंटों इंतजार करते रहते हैं। जबकि नियम अनुसार कोई भी चिकित्सक जयारोग्य के समय के बाद ही अपनी क्लीनिक पर जा सकते हैं।

निजी क्लीनिकों पर नहीं रहा कोरोना का भय

जयारोग्य चिकित्सालय में वरिष्ठ चिकित्सक कोरोना संक्रमण की बात करते हुए मरीजों से दूर रहते हैं। लेकिन उन्हीं चिकित्सकों की निजी क्लीनिकों पर देखा जाए तो मरीजों की लाइन लगी रहती है। क्लीनिकों पर मरीजों की भीड देख ऐसा लगता है कि चिकित्सकों को कोरोना का कोई डर ही नहीं है।

जयारोग्य में संक्रमितों के आंकड़े

- जयारोग्य में कोरोना काल में 100 कनिष्ठ चिकित्सक संक्रमित हुए हैं।

- संक्रमित वरिष्ठ चिकित्सकों की संख्या 12

- संक्रमित नर्सिंग स्टॉफ की संख्या 32

- संक्रमित पैरा मेडिकल स्टॉफ की संख्या 12

- जयारोग्य में आउट सोर्स के संक्रमित कर्मचारियों की संख्या 17

Updated : 24 Sep 2020 1:00 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

स्वदेश डेस्क

वेब डेस्क


Next Story
Top