अस्पताल प्रबंधन की मनमानी से परेशान जूनियर चिकित्सकों ने किया काम बंद
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ग्वालियर, न.सं.। जयारोग्य चिकित्सालय में जहां कोरोना संक्रमितों व संदिग्ध मरीजों को उपचार के लिए भर्ती किया जा रहा है। वहीं शासन की गाइड लाइन के अनुसार चिकित्सकों को क्वारेन्टाइन तक नहीं किया जा रहा। जिसको लेकर नाराज जूनियर चिकित्सकों ने बुधवार को हड़ताल कर दी। आईसीएमआर के आदेश अनुसार कोरोना संदिग्ध व संक्रमित मरीजों के नमूने लेने के लिए ईएनटी के चिकित्सकों को अधिकृत किया गया था। लेकिन एक अप्रैल को आईसीएमआर ने नया आदेश जारी करते हुए कहा कि लैब टेक्नीशियन भी नमूने ले सकते हैं। इसके लिए टेक्नीशियनों को प्रशिक्षण दिया जाए। लेकिन गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय प्रबंधन द्वारा किसी भी लैब टेक्नीशियन को प्रशिक्षण नहीं दिया गया और पिछले तीन माह से ईएनटी विभाग के चिकित्सक ही मरीजों के नमूने ले रहे हैं। इतना ही नहीं ईएनटी विभाग में वर्तमान में 9 जूनियर चिकित्सकों सहित 6 जूनियर रेसिडेंट हैं। लेकिन जूनियर रेसिडेंट का सत्र पूरा होने पर वह चले गए हैं। जिस कारण अब सिर्फ 9 चिकित्सक ही बचे हैं। यह 9 चिकित्सक कोल्ड ओपीडी, वार्ड में मरीजों के नमूने लेने, सामान्य ओपीडी, वार्ड में इमरजेंसी ओपीडी, सुपर स्पेशलिटी में कोरोना संक्रमितों के नमूने लेने सहित पार्टल पर भी खुद ही जानकारी भरते हैं। जिस कारण इन चिकित्सकों पर काम का अधिक लोड है। इसी से नाराज चिकित्सकों ने बुधवार को काम बंद कर दिया।
जूनियर डॉक्टर बोले - लैब टेक्नीशियन से क्यों नहीं ले रहे काम
चिकित्सकों का कहना है कि जब आईसीएमआर की गाईडलाइन के अनुसार लैब टेक्नीशियन भी नमूने ले सकते हैं तो उन्हें काम पर क्यों नहीं लगाया जा रहा। सिर्फ ईएनटी के चिकित्सकों से ही क्यों काम लिया जा रहा है। इधर प्रथम वर्ष के जूनियर चिकित्सकों के काम बंद कर देने की सूचना मिलते ही अस्पताल प्रबंधन ने ईएनटी द्वितीय वर्ष के जूनियर चिकित्सकों को ओपीडी में भेजा गया साथ ही प्रथम वर्ष के चिकित्सकों के चर्चा कर उनकी परेशानी दूर करने का आश्वसन दिया गया। इसके बाद चिकित्सक दोपहर 12 बजे काम पर लौटे।
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