सभी को स्वावलंबी बनाना समाज का काम है: लोकेंद्र पाराशर
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ग्वालियर/वेब डेस्क। सभी को स्वावलंबी बनाना समाज का काम है सरकार का नहीं। पहले सामाजिक व्यवस्था में हमारी यही अर्थव्यवस्था थी। खलियान से ही समाज के हर तबके का हिस्सा निकाल दिया जाता था, लेकिन वर्तमान स्थिति में यह व्यवस्था खत्म हो गई है। यह बात टकसाल स्कूल परिसर में स्थित फिर एक प्रयास संस्था के पुस्तकालय में आयोजित व्याख्यान माला को संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने कही। कार्यक्रम में पूर्व सभापति बृजेंद्र सिंह जादौन, नीलिमा शिंदे, संभागीय मीडिया प्रभारी पवन सेन उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री पाराशर ने कहा समाज को कुछ देने की इच्छा जिसकी होती है वो भामाशाह होता है। विवेकानंद का अर्थ समरसता, शशक्तिकरण, स्वावलंबन है और इसके लिए उन्होंने अपना सारा जीवन खपा दिया। देश समृद्ध,सशक्त और समरसता के भाव से पूरीत बने यह सरकार का काम है और इसे हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। पहले झाड़़ू उठाने को लोग सबसे छोटा काम मानते थे, लेकिन आज समाज के सभी लोग इसे बड़े उत्साह के साथ करते हैं और इससे ऊंच-नीच व छुआछूत का भाव काफी हद तक कम हुआ है।
वर्तमान में इसी प्रकार की समरसता लाने का काम फिर एक प्रयास संस्था कर रही है। आज समाज में सभी लोगों को सब्सिडी की आदत पड़ती जा रही है, जो कि खतरनाक है। सब्सिडी लोगों की आदत नहीं बननी चाहिए और जिसे इसकी जरूरत है उसे इसका लाभ मिलना चाहिए और ऐसा समाज बनेगा किताबों से। किताब लिखने में बहुत खामोश होती है पर वह बोलती है।
कार्यक्रम का संचालन संस्था सचिव सचिन श्रीवास्तव व अध्यक्ष प्रवेश श्रीवास ने जबकि आभार संस्था संस्थापक पंडित अंकित शर्मा ने व्यक्त किया।
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