विदेशों तक पहुंच रही ग्वालियर के युवा द्वारा तैयार की गई ज्वैलरी

ग्वालियर, न.सं.। कस्टम ज्वैलरी के बारे में अभी तक आपने केवल सेलिब्रिटी को सुना होगा, लेकिन ग्वालियर में तैयार होने वाली कस्टम ज्वैलरी देश में ही नहीं विदेशों तक पहुंच रही है। यह सम्भव हो सका है शहर के एक युवा अर्थव श्रीवास्तव की मेहतन से। अर्थव ने कस्टमाइज आर्टिफिशियल ज्वैलरी का काम स्टार्टअप 2018 से शुरू किया। 2019 में ग्वालियर में कविपुष्प ज्वेल्स एंड फैशन ग्वालियर स्टोर लॉन्च किया। अर्थव के साथ उनकी बहन फाल्गुनी और पत्नी स्वेच्छा श्रीवास्तव को-फाउंडर के रूप में काम करती हैं। स्वेच्छा डिजाइनिंग एंड स्टाइलिंग का पूरा काम देखती है।
अर्थव बताते हैं कि उन्होंने अपने साथ देशभर से लगभग 150 कारीगरों को जोड़ा है। इनमें से कई ऐसे लास्ट जनरेशन कारीगर हैं, जिन्होंने ज्वैलरी बनाने का काम छोड़ दिया था या फिर काम बंद करने वाले थे। ज्वैलरी में हम बेसिकली तीन तरह के का बेसमेंट यूज करते हैं। इनमें एलॉय, सिल्वर और ब्रॉस शामिल हैं। इसके बाद हम लेमिनो कोडिंग करते हैं, जिससे ज्वैलरी की शाइनिंग लंबे समय तक चलती है। हमसे देशभर में 50 होलसेलर जुड़े हैं, जो छोटे दुकनदारों का माल सप्लाई करते हैं। ग्वालियर में हमारी 15 लोगों की टीम सारा काम मैनेज करती है। इसके अलावा विदेशों में भी कस्टमाइज आर्टिफिशियल ज्वैलरी सप्लाई जा रही रही है।
बैंक से नहीं मिला लोन तो परिजनों ने की मदद
अर्थव ने एमबीए करने के बाद एक कम्पनी में नौकरी की। लेकिन शादी के बाद उन्होंने खुद का ही स्टार्टअप शुरू करने का सोचा। इसके बाद उन्होंने कस्टमाइज आर्टिफिशियल ज्वैलरी का स्टार्टअप शुरू करने के लिए बैंक से लोन के लिए आवेदन किया। लेकिन जब बैंक से उन्हें लोन नहीं मिला तो परिजनों ने उनकी मदद की। अर्थव बताते हैं कि आज उनके स्टार्टअप का प्रतिवर्ष 40 से 50 टर्नओवर पहुंच गया है।
50 प्रतिशत साउथ में डिमांड
अर्थक द्वारा तैयार की जा रही कस्टमाइज आर्टिफिशियल ज्वैलरी की सबसे ज्यादा मांग साउथ में है। इसलिए उनका 50 प्रतिशत व्यापार सिर्फ साउथ से ही है। इसके अलावा उन्होंने कुछ फिलमी सितारों को भी अपनी ज्वैलरी पहनाई है।
