जननी सुरक्षा योजना का फर्जीवाड़ा, एक महिला की पन्द्रह दिन में दोबारा हुई डिलेवरी

ग्वालियर, न.सं.। प्रदेश सरकार द्वारा भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियों को रोकने, ज्यादा से ज्यादा संस्थागत प्रसव कराने के लिए जननी सुरक्षा योजना की है। उक्त योजना के तहत शासन द्वारा गरीब वर्ग के लोगों को कुछ राशी उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन अस्पतालों के कर्मचारी फर्जीवाड़ा करते हुए फर्जी तरीके से भुगतान कराने में लगे हुए हैं। जिसका एक मामला उटीला प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से सामने आया है। जहां पदस्थ एक कर्मचारी ने एक महिला की पन्द्रह दिन में दो बार प्रसव करा कर फर्जी तरीके से भुगतान भी करा दिया गया।
दरअसल टिहोली निवासी कल्पना पत्नी कोमल को प्रसव पीड़ा के चलते मुरार जच्चा खाने में परिजन 9 सितंबर को लेकर पहुंचे थे। लेकिन जच्चा खाने में प्रसव न होने पर परिजनों ने मुरार के ही एक निजी अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती कराया, जहां महिला का सामान्य प्रसव हुआ। निजी अस्पताल में महिला ने 9 सितंबर की शाम 7.19 पर एक बच्ची को जन्म दिया। लेकिन उक्त महिला का पन्द्रह दिन में ही दोबार उटीला के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में दस्तावेजों में प्रसव करा दिया गया। उटीला के दस्तावेजों के अनुसार कल्पना का प्रसव 25 सितंबर की शाम करीब 5.30 बजे दर्ज किया गया। इतना ही नहीं स्वास्थ्य केन्द्र के स्टाफ द्वारा फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कर शासन की ओर से मिलने वाली सहायता राशी 14 सौ रुपए का भुगतान भी महिला के खाते में करा दिया गया। इसके अलावा 16 हजार का भुगतान अभी लंबित है, जो महिला के खाते में जल्द पहुंच भी जाएगा। हालांकि उक्त मामले में उटीला अस्पताल के स्टाफ का कहना है कि एक ही नाम की दो महिलाएं होंगी, इसलिए गलती से नाम चढ़ गया होगा।
जांच हो तो खुलेगा बड़ा फर्जीवाड़ा
फर्जी तरीके से भुगतान कराए जाने के मामले के सामने आने के बाद अब यह सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि अगर स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी मामले की गम्भीरता से जांच कराए तो बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है।
पैसों में होती है हिस्सेदारी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में कुछ स्वास्थ्य केन्द्र ऐसे हैं, जहां जननी सुरक्षा योजना का फर्जी तरीके से भुगतान कराने के लिए स्टाफ द्वारा पैसे लिए जाते हैं। इसके अलावा आशा-ऊषा व एएनएम की भी फर्जीवाड़े में बड़ी भूमिका रहती है।
क्या है जननी सुरक्षा योजना
जननी सुरक्षा योजना के इसके अंतर्गत संस्थागत प्रसव कराने के लिए शहरी क्षेत्रों में 1000 रुपए और ग्रामीण क्षेत्रों में 1400 रुपए दिए जाते हैं। इसी तरह गरीबी रेखा से नीचे जीवन बिताने वाली महिलाओं को पहले दो बच्चों पर करीब 14 हजार रुपए किस्तो में दिए जाते हैं।
यह है योजना का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य गरीब गर्भवती महिलाओं को प्रसव की संस्थागत सुविधा प्रदान करना है। योजना के अंतर्गत पंजीकृत हर लाभार्थी के पास एमसीएच कार्ड के साथ-साथ जननी सुरक्षा योजना कार्ड भी होना जरूरी है। आशा या कोई अन्य सुनिश्चित संपर्क कार्यकर्ता द्वारा ए.एन.एम. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी की देखरेख में अनिवार्य रूप से प्रसव की व्यवस्था करना जरूरी है। इससे गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य जांच और प्रसव के बाद देखभाल और निगरानी करने में सहायता मिलती है, ताकि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ रहे।
मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है। अस्पताल में दस्तावेज देखने के बाद ही कुछ बता पाऊंगी।
डॉ. गुंजन चौबे
प्रभारी उटीला अस्पताल
अगर फर्जी तरीके से भुगतान कराया गया है तो यह गम्भीर मामला है। मामले की जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. मनीष शर्मा
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
अगर इस तरह से फर्जी भुगतान कराया गया है तो मामले की गम्भीरता से जांच करा संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।
कौशलेन्द्र विक्रम ङ्क्षसह
जिलाधीश
