हरित भवन की तर्ज पर बन रहा आईएसबीटी, 137 बसों के खड़े होने की सुविधा होगी

ग्वालियर,न.सं.। जलालपुर पर ट्रिपल आइटीएम के पास स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन द्वारा तैयार कराया जा रहा इंटर स्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी) अब आकार लेने लगा है। 64.22 करोड़ रुपए की लागत से 25 एकड़ जमीन पर तैयार हो रहे इस बस टर्मिनल की बिल्डिंग का ढांचा तैयार होने लगा है। हेरिटेज थीम पर हरित भवन की तर्ज पर इसका निर्माण चल रहा है, जिसमें एक समय पर 137 बसों के खड़े होने की सुविधा होगी। वर्तमान में बस टर्मिनल के प्लेटफार्म तैयार हो चुके हैं। बिल्डिंग के लिए लोहे के पिलर खड़े कर दिए गए हैं। इसके साथ ही छत की ट्रस का काम भी शुरू हो गया है। इसके अलावा वर्कशाप के लिए भी प्लेटफार्म तैयार कराया जा रहा है।
शायद यही कारण है कि गुरुवार को स्मार्ट सिटी सीइओं नीतू माथुर ने स्मार्ट सिटी के तहत किए जा रहे बेला की बावड़ी प्रवेश द्वार व इंटर स्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी) के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। सीइओ ने सबसे पहले बेला की बावड़ी के पास सहस्रबाहु मंदिर की थीम बन रहे पर प्रवेश द्वार का निरीक्षण किया। यहां अधीनस्थों ने उन्हें बताया कि इस प्रवेश द्वार पर स्टोन क्लेडिंग और ऊपर के डोम का कार्य किया जा रहा है। इसे जल्द पूरा कर फिनिशिंग का काम शुरू कराया जाएगा। सीइओ ने कार्य को गुणवत्ता के साथ जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। वहीं सीईओ ने आइएसबीटी में किए जा रहे रूफिंग व अन्य प्रगतिरत कार्यों का भी निरीक्षण किया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि आइएसबीटी के कार्य में ग्रीन बिल्डिंग के कांसेप्ट को ध्यान में रखकर किया जाए। वहीं उन्होंने टाइल्स इत्यादि को भी इस बिल्डिंग के मुताबिक लगाए जाने के लिए निर्देशित किया।
18 महीने की समय सीमा रखी गई
स्मार्ट सिटी मिशन के ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट के अंतर्गत इस बस टर्मिनल का निर्माण किया जा रहा है। इसके निर्माण के लिए 18 महीने की समय सीमा रखी गई है। आइएसबीटी का स्वरूप हेरिटेज थीम पर आधारित होगा। दरअसल, शहर में वर्तमान में दो बस स्टैंड का संचालन किया जा रहा है। इसमें एक रेलवे स्टेशन के पास है, तो वहीं दूसरा बस स्टैंड झांसी रोड थाने के पास तैयार किया गया। यहां सुविधाओं के नाम पर यात्रियों को कुछ विशेष नहीं मिलता है।
झांसी रोड का बस स्टैंड छोटा
झांसी रोड पर बना बस स्टैंड तो इतना छोटा है कि वहां बसें खड़ी करने में दिक्कत आती है। इसके चलते लंबे समय से इस तरह के बस स्टैंड की जरूरत महसूस की जा रही थी, जहां यात्रियों को सुविधाएं मिल सकें। अब आईएसबीटी के निर्माण से यह कमी पूरी हो सकेगी।
ये मिलेंगी सुविधाएं
इसमें ऊर्जा बचत, जल संरक्षण, प्राकृतिक प्रकाश जैसे घटकों का उपयोग किया जा रहा है। यही कारण है कि बस टर्मिनल की छत पक्की करने के बजाय यहां ट्रस बनाई जाएगी। बस टर्मिनल में 52 प्लेटफार्म बनाए जाएंगे, जिसमें पांच से 10 मिनट के अंतराल में एक साथ 52 बसें अपने गंतव्य की ओर रवाना हो सकेंगी। यहां 137 बसें खड़ी की जा सकेंगी, जिसमें 52 बसें प्लेटफार्म तथा 85 बसें पार्किंग में खड़ी की जा सकेंगी।
यात्रियों को मिलेंगी ये सुविधाएं
यहां सार्वजनिक शौचालय के साथ दिव्यांगों की सुगमता के लिए बाधारहित पथ तैयार किया जाएगा। बसों के प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग स्थान बनाए जाएंगे। बस चालकों के लिए विश्राम कक्ष भी तैयार होंगे। बसों के लिए अलग से वर्कशाप तैयार किया जाएगा, जहां बसों की साफ-सफाई से लेकर उनकी मरम्मत तक के इंतजाम होंगे। पिक एंड ड्राप लेन भी अलग-अलग तैयार की जाएंगी। आईएसबीटी का काम पूरा होने पर रेलवे स्टेशन के पास मौजूद बस स्टैंड को शिफ्ट कर दिया जाएगा।
