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विश्व हिन्दी सम्मेलन : अभिव्यक्ति का वरदान है भाषा - श्रीधरजी पराड़कर

विश्व हिन्दी सम्मेलन में भाग लेने श्रीधरजी पराड़कर और स्वदेश समूह संपादक अतुल तारे रवाना फिजी रवाना

विश्व हिन्दी सम्मेलन : अभिव्यक्ति का वरदान है भाषा - श्रीधरजी पराड़कर
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वेब डेस्क। 12वां विश्व हिन्दी सम्मेलन 15 से 17 फरवरी को फीजी के नाडी में होने जा रहा है। यह भाषा और साहित्य का एक ऐसा आयोजन है जिसके लिये विद्वान और साहित्यकार प्रतीक्षारत रहते हैं। इसमें जीवन के ऊहापोहों को एक और रखकर संसार भर के हिन्दी प्रेमी एकता और प्रेम का संदेश देने और लेने के लिये एकत्र आते हैं। सम्मेलन में भिन्न-भिन्न देशों में रहने वाले विविध संस्कृति में पले बढ़े साहित्य और भाषा प्रेमी जिस आत्मिक प्रसन्नता का अनुभव करते हैं वह शब्दातीत है। तभी तो 11 अधिवेशन सफलतापूर्वक सम्पन्न हो चुके हैं और 12वें अधिवेशन के लिए आतुर हो कर नाडी में एकत्र हो रहे हैं।

सम्मेलन एक अवसर है नये-पुरानों से मिलने का, विचारों के आदान-प्रदान का, एक-दूसरे को समझने का, अपने विचारों को बढ़ाने का। अपने को अभिव्यक्त करने का और दूसरे की अभिव्यक्ति जानने का।

मनुष्य को स्वयं को अभिव्यक्त करने के लिये मिला अद्भुत वरदान है 'भाषा'। भाषा के बिना संकेतों में आवश्यकताओं की पूर्ति तो हो सकती है पर भावों की अभिव्यक्ति नहीं। शारीरिक आवश्यकताओं की पूर्ति हो जाने पर भी मनुष्य पूर्णत: संतुष्ट तब तक नहीं होता जब तक वह अपने मन की बात को अपने आत्मीय को बता न दे। जब अपरिचित स्थान पर अपनी बात समझने वाला कोई मिल जाता है तब अपरंपार प्रसन्नता होती है और भीतर की असुरक्षा की भावना दूर हो जाती है।

मातृभाषा से दूर होने या छूट जाने से मनुष्य अपने गौरव, इतिहास, संस्कृति से भी दूर हो जाता है। इनके छूटने का अर्थ मनुष्य का अधूरा हो जाना होता है।

भाषा के बिना साहित्य की कल्पना करना कठिन है। जो बात हम सीधे नहीं कह सकते, अपनी संवेदनाओं को प्रकट नहीं कर सकते उन्हें साहित्य के द्वारा अच्छी तरह से प्रकट किया जाता है। साहित्य मनुष्य के मन को विकसित करना है।

हिन्दी का प्रचार-प्रसार और साहित्य हमें संसार से जोड़ने का सशक्त माध्यम है और उसकी पूर्ति विश्व हिन्दी सम्मेलन से अच्छी तरह होती है। इसलिये विश्व हिन्दी सम्मेलन जैसे आयोजन अधिक प्रभावी ढंग व उपयोगी होते जाये इसके लिये हम सबको प्रयास करना चाहिये।

स्वदेश के समूह संपादक अतुल तारे भी फिजी रवाना


स्वदेश प्रकाशन समूह के समूह संपादक अतुल तारे फिजी में आयोजित विश्व हिन्दी सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। श्री तारे विदेश मंत्रालय के शिष्ट मंडल के प्रतिनिधि के रूप में शामिल हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि इस बार विश्व हिन्दी सम्मेलन आनंद के देश 'फिजी' में आगामी 15 से 17 फरवरी तक आयोजित हो रहा है। प्रति तीन वर्ष में आयोजित सम्मेलन में देश के वरिष्ठ साहित्यकार कुलपति संस्कृति एवं विदेश मंत्रालय के अधिकारी शामिल होते हैं। सम्मेलन में फिजी के राष्ट्रपति देश के विदेश मंत्री भी भाग लेंगे। केन्द्र सरकार का यह प्रतिनिधि मंडल 13 फरवरी को दोपहर नई दिल्ली से रवाना होगा। वापसी 18 फरवरी को होगी। श्री तारे को शुभचिंतकों ने इस यात्रा के लिए बधाई प्रेषित की है।

Updated : 12 Feb 2023 1:01 AM GMT
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