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सर्पदंश के मरीजों में हुई वृद्धि, जयारोग्य में प्रतिदिन पहुंच रहे 12 से 15 मरीज

सांप डसे तो झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़ें, सीधे अस्पताल पहुंचे

सर्पदंश के मरीजों में हुई वृद्धि, जयारोग्य में प्रतिदिन पहुंच रहे 12 से 15 मरीज
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ग्वालियर, न.सं.। अगर आपको सांप डसे तो झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़ें, इससे जान जा सकती है। समय से अस्पताल पहुंच जाने वालों की जान बच जाती है। चिकित्सकों की सलाह है कि सांप डसने के तुरंत बाद अस्पताल पहुंचकर एंटी स्नैक बेनम इंजेक्शन लगवाना चाहिए। ऐसे मरीजों को छह घंटे तक चिकित्सकों की निगरानी में रखा जाता है। इसके बाद कोई खतरा नहीं रहता है। दरअसल बारिश के साथ ही सर्पदंश की घटनाएं बढ़ रही है। जयारोग्य चिकित्सालय में पिछले एक माह की बात करें तो सर्पदंश के 350 से अधिक मामले पहुंचे हैं। जबकि 20 से अधिक मरीजों की मौत भी सर्पदंश से हो चुकी है।

जयारोग्य के मेडिसिन रोग विशेषज्ञ डॉ. विजय गर्ग का कहना है कि अस्पताल में पिछले 30 दिनों से प्रतिदिन 12 से 15 मरीज सर्पदंश के आ रहे हैं। इसमें से 15 प्रतिशत लोगों की देरी से अस्पताल पहुंचने से मौत भी हो चुकी है। इसमें कई ऐसे मरीज भी शामिल हैं, जिनकी

सांप डसने के लक्षण

डॉ. गर्ग ने बताया कि जहरीले सांप के डसने से शरीर में कई तरह के लक्षण पैदा हो सकते हैं। डसने वाली जगह पर दर्द और सूजन, ऐंठन, मतली, उल्टी, अकडऩ या कंपकंपी, एलर्जी, पलकों का गिरना, नींद आना, घाव के चारों ओर सूजन, जलन, लाल होना, त्वचा के रंग में बदलाव, दस्त, बुखार, सिरदर्द, जी मिचलाना, घाव से खून बहना, बहुत पसीना आना और अंगों के आसपास के हिस्से का सुन्न पड़ जाना शामिल है।

आईसीयू होने के बाद भी नहीं भर्ती करते मरीज

जिला अस्पताल की बात करें तो यहां 20 पलंग का आईसीयू होने के बाद भी सर्पदंश के मरीजों को भर्ती नहीं किया जाता। यहां अगर कोई मरीज पहुंचता भी है तो उसे सीधा जयारोग्य के लिए रैफर कर दिया जाता है। जबकि जिला अस्पताल के दवा स्टोर में एंटी स्नेक बेनम का पर्याप्त मात्रा में स्टाक भी उपलब्ध है। लेकिन चिकित्सक काम से बचने के लिए मरीजों को भर्ती करने की जगह सीधा रैफर कर देते हैं। अस्पताल के आरएमओ डॉ. आलोक पुरोहित का कहना है कि 15 अगस्त से पूर्व ही सर्पदंश के मरीजों को भर्ती करने की सुविधा शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए चिकित्सकों व स्टाफ को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

बरतें यह सावधानी

  • - घर से बाहर जाते समय जूते जरूर पहनें।
  • - यदि सांप डस ले तो घबराएं नहीं। लेट जाएं। कपड़ें ढीले कर दें। आभूषण उतार दें।
  • - घाव के साथ छेड़छाड़ न करें और न ही कोई चीरा लगाएं।
  • - झाड़-फूंक के चक्कर न पड़ें, सीधे अस्पताल जाएं।
  • - पीडि़त को ज्यादा देर न तो चलने दें और न ही सोने दें।

सांप डसने के तीन से चार घंटे में अगर इलाज नहीं किया जाए तो जान जा सकती है। सांप डसने पर सबसे जरूरी है उसके लक्षणों की पहचान करना। सांप के डसने पर अस्पताल में अगर कोई मरीज आता है तो उसे पहले एंटी स्नेक बेनम का एक एमएल डोज लगाई जाती है। 15 से 20 मिनट तक देखा जाता है कि कहीं इसका कोई साइड इफेक्ट तो नहीं है। इसके बाद छह घंटे तक मरीज को निगरानी में रखा जाता है। अगर मरीज में कोई लक्षण दिखता है तो एंटी स्नेक बेनम की पर्याप्त मात्रा में डोज लगाई जाती है।

डॉ. विजय गर्ग

मेडिसिन रोग विशेषज्ञ, जयारोग्य चिकित्सालय

Updated : 3 Aug 2023 1:30 AM GMT
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