शहर में बेखौफ झोलाछाप डॉक्टर्स : 6 महीने में 12 से ज्यादा लोगों की ले चुके हैं जान

शहर में बेखौफ झोलाछाप डॉक्टर्स : 6 महीने में 12 से ज्यादा लोगों की ले चुके हैं जान
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6 साल में बढ़े 16 गुना फर्जी क्लीनिक, स्वास्थ्य विभाग कागजी खानापूर्ति में जुटा ()

ग्वालियर/स्वदेश वेब एक्सक्लूसिव। शहर के लोगों के स्वास्थ्य की चिंता करना और और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना जहां सरकार की प्राथमिकता है वही इसे जमीनी स्तर पर उतारना स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है। आंकड़ों यदि गौर करें तो ग्वालियर स्वास्थ्य अमला इस मामले में पूरी तरह असफल साबित हुआ है। पिछले 6 महीनों में एक दर्जन से ज्यादा लोग इन झोलाछाप डॉक्टर्स का शिकार बन चुके हैं। इतना ही नहीं बीते 6 साल में झोलाछाप डॉक्टर्स की संख्या भी बढ़कर 16 गुनी हो चुकी है।

बीती 2 अगस्त को उपनगर ग्वालियर में झोलाछाप डॉक्टर महेश शर्मा के इलाज से 16 साल के विक्की की जान चली गई थी। विक्की को तेज बुखार था और उल्टियां हो रहीं थीं। डॉ महेश शर्मा ने उसे तेज बुखार में ही ग्लूकोज की दो बोतल चढ़ा दी और इंजेक्शन भी लगा दिए। विक्की दवा का ओवरडोज सहन नहीं कर पाया और उसकी मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने चक्काजाम किया उसके बाद पुलिस ने डॉ महेश शर्मा के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिए। डॉ महेश शर्मा इससे पहले भी 2017 और 2007 में एक एक मरीज की जान ले चुके हैं लेकिन कार्रवाई के अभाव में वे बेख़ौफ़ अपनी क्लीनिक चला रहे हैं।

डॉ महेश शर्मा तो एक बानगी हैं , स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि पिछले 6 महीने में एक दर्जन से ज्यादा मरीजों ओवरडोज देने से हो गई। और ये सभी मरीज झोलाछाप डॉक्टर्स के यहाँ इलाज कराने गए थे। जिले में इन झोलाछाप डॉक्टर्स की फर्जी क्लीनिक का आंकड़ा और भी चौकाने वाला है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते बाईट 6 वर्षों में इन फर्जी डॉक्टर्स की संख्या बढ़कर 16 गुना हो गई है। 2011 में जहाँ फर्जी क्लीनिकों की संख्या 180 थी जो अब बढ़कर 3000 हो चुकी है। इससे साफ़ पता चलता है कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी इन फर्जी डॉक्टर्स और क्लीनिक पर कितनी कार्रवाई करते हैं।

स्वास्थय विभाग के नियमों के मुताबिक अवैध रूप से क्लीनिक चलाने पर मप्र उपचार गृह तथा रोगोपचार संबंधी स्थापनाएं, रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन अधिनियम के तहत आरोपी को तीन माह की सजा का प्रावधान है। लेकिन कार्रवाई के अभाव में ये फर्जी डॉक्टर्स बच जाते हैं और लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करते हैं। हालांकि ग्वालियर के सीएमएचओ डॉ मृदुल सक्सेना का कहना है कि उन्होंने कुछ महीने पहले ही चार्ज संभाला है और लगातार अभियान चलाकर फर्जी डॉक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और उनकी क्लीनिक बंद कराकर सील की जा रही है

प्रदेश के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री लगातार अभियान चला रहे हैं। निःशुल्क उपचार, निःशुल्क दवाइयां सहित अन्य कई सुविधाएं मुख्यमंत्री के विशेष प्रयास से सरकार की तरफ से अस्पतालों में उपलब्ध कराईं जा रही हैं लेकिन स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते तेजी से बढ़ रहे फर्जी डॉक्टर्स के जाल में उलझकर लोग जान गँवा रहे हैं जो एक बड़ा सवाल है।

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