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नारायण विहार में बिक रहे शासकीय जमीन पर भूखंड, खड़े हो गए अवैध मकान

अधिकारियों के संरक्षण में फलफूल रहे भू-माफिया

नारायण विहार में बिक रहे शासकीय जमीन पर भूखंड, खड़े हो गए अवैध मकान
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ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि। गोला का मंदिर क्षेत्र में अवैध रूप से बसी नारायण विहार कॉलोनी में शासकीय जमीन पर कब्जा कर धड़ल्ले से भूखंडों का न सिर्फ विक्रय किया जा रहा है, बल्कि वहां अवैध रूप से बड़े मकान भी खड़े भी हो गए हैं। साथ ही तमाम मकान निर्माणाधीन हैं। जिससे शासकीय विभागों की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं, क्योंकि इसमें काफी जमीन उद्योग और राजस्व विभाग की भी है।

जानकारी के अनुसार नगर निगम के क्षेत्र क्रमांक 10, वार्ड 21 में आने वाली नारायण विहार कॉलोनी में भूमाफिया द्वारा एक बड़े भू-भाग पर कब्जा कर लिया गया है। उनके द्वारा दलालों के माध्यम से इस जमीन का सौदा कर भूखंड बेचकर बड़े बड़े मकान खड़े करा दिए हैं व इस समय भी अवैध निर्माण चल रहे हैं। इस तरह देखते ही देखते शासकीय जमीन पर अवैध कॉलोनी ने अपने पैर पसार लिए हैं, जिसमें भूमाफिया एवं दलालों को अच्छा खासा धंधा हो रहा है।

ग्वालियर रियासत ने अधिगृहीत की थी 902 बीघा भूमि

तत्कालीन ग्वालियर रियासत के महाराजा ने वर्ष 1945 में जमीदारों एवं किसानों से इस क्षेत्र में 902 बीघा भूमि औद्योगिक क्षेत्र खड़ा करने के लिए अधिग्रहित की थी। तत्पश्चात यहां जेबी मंघाराम, एमपी फ्लोर मिल और सिमको स्टील एवं टेक्सटाइल की बड़ी औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई। वर्ष 1997 में 600 बीघा जमीन राजस्व विभाग को दी गई, जिसपर यहां मंडी और अन्य संस्थान बने।

पैर पसारता गया अतिक्रमण

इसके बाद खाली बड़ी उद्योग और राजस्व की भूमि पर भू माफिया की नजर पड़ी तो उन्होंने कब्जा कर यहां भूखंड बेचकर मकान बनवाना शुरू कर दिए। जिससे यह कॉलोनी पूरी तरह से अवैध रूप से खड़ी हो गई। अब यहां निजी स्कूल, ब्यूटी पार्लर, डिपार्टमेंटल स्टोर, आटा चक्की सहित अवैध रूप से मकान तैयार हो गए हैं। इस निर्माण की नगर निगम से कोई अनुमति नहीं ली गई है, फिर भी यहां बिजली, पानी, सीवर आदि की व्यवस्था कर दी गई है। जिससे स्पष्ट है कि शासकीय विभाग इस तरह के अवैध कृत्य के प्रति आंखें मूंदे हुए हैं।

80 फीट का मार्ग रह गया 20 फीट

यहां कभी 80 फीट का मार्ग हुआ करता था। अतिक्रमण के पैर पसारने पर यह मार्ग अब 15 से 20 फीट रह गया है। आईटीआई की जमीन पर भी कब्जा कर लिया गया है। खसरा क्रमांक 387,388 नेमी सिंह एवं बेताल सिंह की हुआ करती थी। इसकी लीज निरस्त होने के बाद उद्योग विभाग की उदासीनता के कारण यहां मकान खड़े हो गए हैं।

समूची नारायण विहार कॉलोनी ही अवैध है। यहां तो सामूहिक रूप से ही कोई कार्रवाई हो सकती है, इसलिए आप कलेक्टर अथवा निगमायुक्त से बात करें।

मनीष कनौजिया क्षेत्राधिकारी क्षेत्रीय कार्यालय क्रमांक 10

नारायण विहार में अवैध रूप से मकान बनवाने में अधिकारियों की ही भूमिका रही है। इनके द्वारा इस अवैध कॉलोनी में गलत ढंग से अमृत योजना के तहत पानी की लाइन डाली जा रही है, ऐसी लाइन खोदने पर पहले दो मजदूरों की मौत हो चुकी है।

चतुर्भुज धनौलिया,पूर्व पार्षद वार्ड क्रमांक 21

Updated : 11 July 2020 1:04 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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