अब स्टेशन मास्टर होंगे हाइटेक, प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा विदेश

ग्वालियर,न.सं.। बीते कुछ वर्षों में भारतीय रेल की छवि काफी बदली है। रेलवे लगातार उच्च तकनीक को अपना रहा है। इसी कड़ी में पहली बार ग्रुप सी कर्मियों को प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजा जा रहा है, ताकि वे वहां की तकनीक व कार्यशैली से अवगत हो सकें। देश भर से कुल 52 स्टेशन मास्टर पहले चरण में प्रशिक्षण के लिए विदेश जाएंगे। उनका यह प्रशिक्षण दो सप्ताह को होगा। इसमें ग्वालियर के स्टेशन मास्टर भी शामिल है।
मोदी सरकार ने रेलवे के ग्रुप सी कर्मियों को प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजने का निर्णय लिया है। रेल में संभवत: यह पहला मौका होगा जब ग्रुप सी कर्मी भी प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजे जाएंगे। अभी तक रेलवे के वरिष्ठ अफसर ही प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजे जाते हैं। पहले चरण में उत्तर मध्य रेलवे समेत देश के सभी जोनल रेलवे के कुल 52 स्टेशन मास्टरों को विदेश भेजने जाने की तैयारी की गई है।
दरअसल, बीते कुछ वर्षों में भारतीय रेल की छवि काफी बदली है। रेलवे लगातार उच्च तकनीक को अपना रहा है। इसी कड़ी में पहली बार ग्रुप सी कर्मियों को प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजा जा रहा है, ताकि वे वहां की तकनीक व कार्यशैली से अवगत हो सकें। देश भर से कुल 52 स्टेशन मास्टर पहले चरण में प्रशिक्षण के लिए विदेश जाएंगे। उनका यह प्रशिक्षण दो सप्ताह को होगा।
उत्तर मध्य रेलवे सहित सभी जोनल रेलवे के प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधकों को दस अगस्त तक अपने-अपने जोन से स्टेशन मास्टरों के नाम भेजने होंगे। रेलवे बोर्ड बोर्ड के उप निदेशक कोचिंग राजेश कुमार की ओर से जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि चयनित स्टेशन मास्टर की उम्र 55 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
यह कहा है बोर्ड की ओर से
बोर्ड की ओर से यह भी कहा गया है कि उन्हीं स्टेशनों के स्टेशन मास्टर चयनित होंगे, जिन्हें अपग्रेड किया गया है या भविष्य में किए जाने की संभावना है। विदेश से दो सप्ताह का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद स्टेशन मास्टर यहां आकर अन्य कर्मियों को प्रशिक्षित करेंगे।
कई देशों में प्रशिक्षण के लिए जाते हैं अधिकारी
रेलवे के अधिकारी जर्मनी, फ्रांस, चीन, जापान, ब्रिटेन समेत कई देशों में प्रशिक्षण के लिए जाते हैं। वर्तमान समय में जिन देशों में हाई स्पीड ट्रेनें चल रही हैं, उन्हीं देशों में ग्रुप सी स्टाफ को प्रशिक्षण के लिए भेजा जा सकता है।
