ग्वालियर JAH अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अंबार, मरीज बेहाल, भीषण गर्मी में परिजन खींच रहे स्ट्रेचर

ग्वालियर/वेब डेस्क। जयारोग्य चिकित्सालय प्रबंधन भले ही अस्पताल की व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने के तमाम प्रयास कर रहा हो। लेकिन अस्पताल में पदस्थ स्टाफ संवेदनाएं शून्य हो चुकी हैं। यही कारण है कि परिजनों को मरीज झुलसा देने वाली धूप में तपते स्ट्रेचर पर खींचकर ले जाने को मजबूर हैं।
दरअसल जिले सहित उत्तर प्रदेश, राजस्थान सहित अन्य राज्यों से सैकड़ों मरीज प्रतिदिन जयारोग्य में अच्छे इलाज और सुविधाओं की उम्मीद के साथ पहुंचते हैं, लेकिन यहां आकर उन्हें अव्यवस्थाओं और संवेदनहीनता की सच्चाई से रूबरू होना पड़ता है। क्योंकि यहां मरीजों को सुविधाएं आसानी से नहीं मिल पाती हैं। अस्पताल के ट्रॉमा व कैजुअल्टी की बात करें तो यहां पहुंचने वाले मरीजों को अगर एक हजार बिस्तर के अस्पताल में रैफर किया जाता है तो परिजनों को खुद ही स्ट्रेचर पर रखकर मरीज को हजार बिस्तर के अस्पताल तक ले जाना पड़ता है।
इसके अलावा सीटी स्कैन व अल्ट्रासाउण्ड की जांच के लिए भी परिजन खुद ही स्टे्रचर खींचते नजर आते हैं। जबकि इन दिनों तापमान 44 डिग्री तक पहुंच रहे है, ऐसे में स्ट्रेचर पर तपने लगता है और परिजन मरीजों को तेज धूप से बचाने के लिए उसे कपड़े से ढ़ांक देते हैं। परिजनों का कहना है कि क्या करें मजबूरी है, अगर पैसे होते तो यहां उपचार के लिए क्यों आते। पजिरनों ने यह भी बताया कि तेज धूप के कारण स्ट्रेचर पर मरीज को जलन तक होती है। यह स्थिति तब है जब अस्पताल अधीक्षक डॉ. आर.के.एस. धाकड़ द्वारा स्पष्ट रूप से निर्देश दिए गए हैं कि अगर किसी मरीज को रैफर या जांच के लिए भेजा जाना है तो उसे एम्बुलेंस उपलब्ध कराई जाए।
