सर्जन की कमी से बिगड़ी सिविल अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं

ग्वालियर, न.सं.। सिविल अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों को उपचार के लिए यहां की सुविधाओं को बेहतर बनाया जा रहा है। लेकिन सर्जन चिकित्सक की कमी के कारण जहां मरीजों को उपचार नसीब नहीं हो पा रह। वहीं ऑपरेशन भी बंद हो गए हैं। जिस कारण मरीजों को अन्य अस्पतालों में धक्के खाने पड़ रहे हैं।
दरअसल हजीरा क्षेत्र की बड़ी आवादी का हिस्सा स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए सिविल अस्पताल के भरोसे रहता है। इसलिए ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के प्रयासों के अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तर किया गया है। लेकिन अस्पताल में पदस्थ सर्जन डॉ. नारायण शिवहरे के तीन दिन पूर्व सेवा निवृत्त होने के बाद यहां सर्जरी के कोई भी चिकित्सक उपलब्ध नहीं है। जिस कारण पिछले तीन दिनों से अस्पताल में संचालित सर्जरी विभाग के कक्ष में ताला लटका हुआ है। जबकि सिविल अस्पताल में प्रतिदिन 700 से 800 मरीजों की ओपीडी होती है, जिसमें 10 प्रतिशत मरीज सर्जरी विभाग के होते हैं। इतना ही नहीं अगर कोई मरीज पर्चा कटवाकर सर्जरी के चिकित्सक को दिखाने पहुंचता है तो उसे चिकित्सक न होने की बात कहते हुए लौटा दिया जाता है। ऐसे में मरीज अगर जिला अस्पताल या जयारोग्य भी पहुंचता है तो उसे वहां भी धक्के खाने पड़ते हैं। क्योंकि जब तक मरीज उक्त अस्पतालों में पहुंचता है तो ओपीडी समय भी खत्म हो चुका होता है। इसके अलावा सर्जरी के चिकित्सक न होने से ऑपरेशन भी बंद हो गए हैं। जिसको लेकर अस्पताल के प्रभारी डॉ. प्रशांत नायक का कहना है कि सर्जन डॉ. शिवहरे के सेवानिवृत्त होने से पहले ही विभाग को चिकित्सक उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भेेजा जा चुका था। सम्भावना है कि जल्द ही चिकित्सक की पदस्थाना की जाएगी।
सहायता केन्द्र भी नाम के लिए संचालित
सिविल अस्पताल में मरीजों को उपचार के लिए भटकना न पड़े। इसके लिए यहां एक सहायकता केन्द्र भी स्थापित किया गया है। लेकिन यह केन्द्र भी सिर्फ नाम का बन कर रह गया है। क्योंकि सहायता केन्द्र के लिए आज दिन तक स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई। जिस कारण अधिकांश समय सहायता केन्द्र पर कोई मौजूद ही नहीं रहता। लेकिन जब किसी अधिकारी या मंत्री का अस्पताल में निरीक्षण होता है तो केन्द्र पर अस्पताल के ही स्टाफ को बैठा दिया जाता है।
आईसीयू का भी नहीं हो रहा संचालन
अस्पताल की अव्यवस्थाएं यहीं नहीं थमती। यहां कोरोना काल में 20 पलंग का आईसीयू बनाया गया था। लेकिन स्टाफ की कमी के कारण आईसीयू भी आज दिन तक शुरू नहीं हो सका। जिस कारण यहां गम्भीर मरीजों को भी भर्ती नहीं किया जाता।
स्टाफ के लिए शासन को भेजा यह प्रस्ताव
100 पलंग के सिविल अस्पताल को संचालित करने के लिए दो मेट्रन, चार नर्सिंग सिस्टर, 10 नर्सिंग अधिकारी। इसी तरह अस्पताल के आईसीयू को संचालित करने के लिए 20 नर्सिंग अधिकारी, चार वार्ड वॉय चाहिए। इसके अलावा अस्पताल में नेत्र शल्य कक्ष के लिए चार नर्सिंग अधिकारी, तीन वार्डवॉय सहित एमजीन्सि कक्ष के लिए चार पुरूष नर्सिंग अधिकारियों की आवश्यकता है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा भोपाल प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है।
सर्जरी के चिकित्सक की मांग भोपाल वरिष्ठ अधिकारियों से की जा चुकी है। जल्द ही संविदा पर सर्जरी के चिकित्सक की पदस्थापन हो जाएगी। साथ ही अन्य स्टाफ के लिए भी प्रस्ताव भोपाल भेजा जा चुका है।
डॉ. मनीष शर्मा
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
