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कोरोना के फेर में भूले डेंगू मलेरिया, कागजों तक सीमित तैयारी

कोरोना के फेर में भूले डेंगू मलेरिया, कागजों तक सीमित तैयारी
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ग्वालियर, न.सं.। कोरोना संक्रमण के फेर में स्वास्थ्य विभाग डेंगू जैसे खतरनाक वायरस को भूल ही गया है। स्वास्थ्य विभाग की मशीनरी कोरोना वायरस से निपटने में लगा दी है। इसका नतीजा है कि कोरोना तो नियंत्रित होते दिख रहा है, लेकिन मच्छर जनित बीमारियों के मामले सामने आना शुरू हो गए हैं। इधर स्वास्थ्य विभाग की बात करें तो डेंगू से निपटने और तैयारी सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गईं हैं। शहर में इन दिनों न तो एंटी लार्वा का छिड़काव कराया गया न रोकथाम के उपाए किए गए। इतना ही नहीं हद तो यह है कि शहर में मच्छर जनित बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करने और एंटी लार्वा सर्वे जून-जुलाई माह से ही शुरू कर दिया जाता है। लेकिन अक्टूबर माह के अंत तक किसी भी तरह का प्रचार प्रसार नहीं किया जा रहा। जबकि शहर में डेंगू की दस्तक के साथ ही मलेरिया के भी कई मरीज सामने आ चुके हैं। अगर ऐसी ही स्थित रही तो कोरोना के साथ मच्छर जनित बीमारियों भी आक्रमक हो जाएंगी।

किसकी क्या जिम्मेदारी

स्वास्थ्य विभाग- शहर में अगर किसी क्षेत्र में अगर मच्छर जनित बीमारियों का कोई मरीज आता है तो उसके आसपास 100 घरों में फीवर जांच और लार्वा के नष्ट की प्रक्रिया की जाती है। इसके अलावा लोगों को जागरूक भी किया जाता है।

नगर निगम- शहर में फोगिंग मशीन से मच्छर नाशक का छिड़काव करना। स्वास्थ्य विभाग से सूचना आने पर उस क्षेत्र में विशेष तौर पर छिड़काव करना, जहां मरीज सामने आए हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस तरह की कोई भी जानकारी निगम को नहीं दी जा रही है।

Updated : 12 Oct 2021 11:21 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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