प्रधान आरक्षक पिता, भाई व दोस्त ने मिलकर आरक्षक की हत्या

प्रधान आरक्षक पिता, भाई व दोस्त ने मिलकर आरक्षक की हत्या
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शव ठिकाने लगाने जात समय भाई व दोस्त पर पड़ी गश्ती दल की नजर

ग्वालियर, न.सं.। गिरवाई थाना क्षेत्र में देर रात गश्ती दल को लावारिस हालत में शव पड़ा मिला। मृतक की पहचान सुबह आरक्षक के रुप में होने पर पुलिस उसके घर पहुंची। आरक्षक की हत्या करने के बाद शव को भाई व दोस्त ने ठिकाने लगाया था। नशे के आदी आरक्षक की प्रधान आरक्षक पिता और भाई ने दोस्त के साथ मिलकर हत्या को अंजाम दिया और जब वह शव को ठिकाने लगाने जा रहे थे तभी पुलिस पर उनकी नजर पड़ गई। हवलदार पिता के साथ भाई व दोस्त ने हत्या करना स्वीकार कर लिया है। हत्या की वजह मृतक नशेड़ी था और विवाह नहीं होने पर पिता से नशा करने के बाद झगड़ा करना बताया गया है। पुलिस ने तीनों आरोपियों को दबोच लिया है।


रात डेढ़ बजे के करीब गिरवाई थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक कमल राजावत और चालक गगन गुर्जर रात्री गश्त कर रहे थे। जब वह 13 बटालियन के पास ेसे गुजर रहे थे तभी उनको एक मोटर साइकिल पर तीन युवक जाते दिखे। संदेह होने पर जब पुलिस ने उनको हाथ देकर रोकने का इशारा किया तो उन्होंने गाड़ी दौड़ा दी और उनकी आंखों से ओझल हो गए। थोड़ी देर बाद दोनों ुयुवकों पर गश्ती दल की नजर पड़ी तो उनमें से एक युवक गायब था। संदेह होने पर गश्ती दल सक्रिय हो गया और उन्होंने क्षेत्र में भ्रमण करना शुरु कर दिया। 13 बटालियन की दीवार के पास लावारिस हालत में शव पड़ा मिल गया। शव देखकर प्रथम दृष्टया में हत्या प्रतीत हो रही थी। शव की रात को पहचान नहीं होने पर विच्छेदन गृह भेज दिया और सुबह जब मृतक की पहचान अनुराग उर्फ शानू राजावत के रुप में हुई तो पुलिस उसके घर पहुंच गई। 13 बटालियन में पदस्थ प्रधान आरक्षक सुखवीर राजावत से पुलिस ने पूछताछ की तो उसने आरक्षक बेटे की हत्या की कहानी सुना दी। 13 बटालियन में पदस्थ प्रधान आरक्षक सुखवीर राजावत ने अपने छोटे बेटे गोविंद और उसके दोस्त भीमसिंह परिहार निवासी मामा का बाजार बगीचा बीयरवार के साथ मिलकर बड़े बेटे अनुराग की जमीन पर सिर पटककर हत्या की थी। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्ता करने के बाद उनके खिलाफ धारा 302, 201 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है।

ऐसे दिया हत्या को अंजाम

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर पश्चिमअमृत मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि भोपाल जिला पुलिस बल में चालक के पद पर पदस्थ आरक्षक अनुराग राजावत तीन चार दिन पहले ही अपने पिता के घर आया था। अनुराग नशा करने का आदी था। बुधवार सुबह दस बजे ही वह नशा करके घर पहुंच गया। अनुराग पिता सुखवीर से विवाह नहीं होने पर विवाद करने लगा। अनुराग का विवाह नहीं हुआ था उसका पिता से कहना था कि पूरा पैसा बहन के विवाह पर खर्च कर दिया और मेरे विवाह कब करोगे। इसी बात को लेकर वह पिता से झगड़ा करने लगा। छोटे भाई गोविंद राजावत ने उसे समझाने का प्रयास किया लेकिन वह दोनों से ही झगड़ा करने लगा। जब वह नहीं माना तो गोविंद ने अपने दोस्त भीमसिंह के सहयोग से उसके हाथ पैर बांधे और कमरे में पटक दिया। अनुराग उसके बाद भी शांत नहीं हुआ तो गोविंद ने कपड़ा उसके मुंह में ठूंस दिया। कपड़ा मुंह में ठूसने के बाद भी आरक्षक अनुराग चिल्ला रहा था और गोविंद से हाथ पैर खोलने की कह रहा था। गोविंद को गुस्सा आ गया तो उसने बड़े भाई का जमीन में सिर पटक दिया। जमीन में सिर पटकते ही खून बहने लगा और उसकी मौत हो गई। जैसे ही गोविंद और पिता सुखवीर दोस्त गोविंद को हत्या का पता चला उनके हाथ पैर फूल गए और फिर शव कमरे में ही पड़ा रहने दिया। शव ले जाते पुलिस की नजर में आरोपी आ गए।

पहले पुलिस को बताने फिर शव ठिकाने लगाने पर बनी सहमति

अनुराग की हत्या शाम छह बजे के करीब गोविंद ने कर दी थी। पिता सुखवीर ने पहले सोचा कि पुलिस को बता देते हैं लेकिन बाद में सुखवीर और छोटे बेटे गोविंद व दोस्त भीमसिंह परिहार में सहमति बनी कि रात को शव ठिकाने लगाएंगे। अनुराग का शव आठ घंटे से भी ज्यादा कमरे में ही पड़ा जिस कारण शव अकड़ चुका था। रात को भीमसिंह अपनी अपाचे गाड़ी लेकर गोविंद के घर पहुंचा और फिर दोनों शव को बीच में बैठाकर फेंकने निकले।

मृतक ने घर में की थी तोडफ़ोड़

अनुराग राजावत नशे में इस कदर पागल हो गया था कि उसने घर में रखे सामान की तोडफ़ोड़ कर तहस नहस कर दिया था। दीवार तक को भी नहीं छोड़ा और उसे भी तोड़ दिया था। पिता पुत्र की दिन भर अनुराग से कहासुनी होती रही इस बात का पड़ोसियों को भी पता था।

इनका कहना है

आरक्षक अनुराग की पिता भाई व उसके दोस्त ने हत्या कर दी। भाई व दोस्त ने शव को ठिकाने लगाया था। तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

अमृत मीणा

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर पश्चिम

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