रोग प्रतिरोधक क्षमता कम थक रहा शरीर, रोज की ओपीडी 600 से ज्यादा

रोग प्रतिरोधक क्षमता कम थक रहा शरीर, रोज की ओपीडी 600 से ज्यादा
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बदलते मौसम में बीमारी का कहर, बुखार से टूट रहा शरीर

ग्वालियर। डाक्टर साहब, बहुत तेज बुखार है। खांसी हो रही है। शरीर में दर्द भी है। सरकारी अस्पताल व क्लीनिकों पर पहुंच रहे लोग इसी तरह की परेशानी बता रहे हैं। डाक्टर बताते हैं कि ये वायरल संक्रमण है। उपचार के साथ ही खानपान में भी बदलाव की सलाह दे रहे हैं। पिछले सात दिनों से मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है। सुबह ठंडक और दोपहर में तेज धूप निकल रही है।

बच्चों से लेकर बुजुर्ग बीमार होने लगे हैं। इस कारण सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजो की भीड़ खासी बढ़ गई है। जिला अस्पताल में दोपहर तक की ओपीडी देखी तो करीब 200 से अधिक मरीज आ चुके थे। इनमें 150 बुखार से पीडि़त थे। खिडक़ी पर पर्चा बनवाने लंबी कतार दिखीं, जो कम नहीं हो रही थी। ऐसे ही हालात नए अस्पताल में देखने को मिले। रोजाना ओपीडी में .... से ... मरीज आ रहे हैं। इनमें सर्दी, बुखार और खांसी से पीडि़त मरीजों की संख्या लगभग 40 फीसदी से अधिक है। यहां पर चिकित्सक को दिखाने आए हसितनापुर के रामशरण सिंह ने बताया कि उन्हें पिछले दिनों से बुखार, खांसी की शिकायत है, अब जीभ का स्वाद भी चला गया है।

बदलता मौसम कर रहा बीमार

डॉ श्याम राजपूत ने बताया कि मौसम बदलने से वायरल संक्रमण से पीडि़त बच्चों की संख्या बढ़ गई है। पहले तीन दिन तक तेज बुखार आ रहा है, शरीर में दर्द की समस्या हो रही है। छह से सात दिन में बुखार ठीक होने के बाद खांसी बंद नहीं हो रही है। दवाएं देने के साथ आराम करने के लिए कहा जा रहा है।

10 दिन में वायरल केस 30 प्रतिशत तक बढ़े

प्राइवेट क्षेत्र में लगभग 30 प्रतिशत मरीजों की संख्या बढ़ी है। डॉ अजय पाल ने बताया कि पिछले 10 दिन के दौरान मरीज बढ़े हैं। बदलते मौसम की वजह से लोग वायरल की चपेट में आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि मौसम में बदलाव के दौरान लोगों को खाने पीने का ध्यान रखना चाहिए।

डॉक्टर को जरूर दिखाएं

डॉ श्याम राजपूत बताते है कि मौसम बदलने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। इससे लोग बीमार पडऩे लगते हैं। ऐसे में लोगों को बॉडी रेस्ट करना चाहिए। एक दम से ठंड और गर्म ना हो इसका ध्यान रखें। बुखार आने पर एहतियातन समय पर चिकित्सक को दिखाकर उपचार लें।

चिकित्सकों की सलाह ये करें

  • -ठंडे पेय पदार्थ का सेवन न करें
  • -बच्चों को ऊनी कपड़े पहनाकर स्कूल भेजें
  • -घर पर बने खाद्य पदार्थ का सेवन कराएं
  • -गुनगुने पानी का सेवन कराएं
  • -गले में खराश होने पर गुनगुने पानी से गरारे करें

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