ग्वालियर मेले से बोरिया-बिस्तर समेट लेगा हरिद्वार प्रतिष्ठान, नहीं हो रही बिक्री
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ग्वालियर/वेब डेस्क। ग्वालियर व्यापार मेले में पिछले कई वर्षों से आ रहा प्रसिद्ध हरिद्वारा वाला हलवाई मेला समाप्त होने के पहले ही अपने बोरिया बिस्तर समेटकर जाने की तैयारी में है। दरअसल जिस जल्दबाजी में मेले की घोषणा हुई थी उससे बहुत से दुकानदार यहां आ तो गए किन्तु उनका किराया पहले की तरह ही रहा, लेकिन बिक्री नहीं होने से वे समय पूर्व वापस लौट रहे हैं। इसका एक और मुय कारण कोरोना संक्रमण का बढऩा और अधिक गर्मी भी है। योंकि ऐसे मौसम में पर्याप्त सैलानी मेले में नहीं आ रहे हैं। सर्दियां गुजरने, दिन में तेज धूप और कोरोना संक्रमण के कारण मेले की चमक अब फीकी होने लगी है। ऑटोमोबाइल सेटर को छोडक़र लगभग सभी सेटरों में व्यापार बहुत कम रह गया है। दिन के समय मेला वीरान और सुनसान सा पड़ा रहता है। ग्वालियर का व्यापार मेला अब चार से पांच घंटे का मेला बनकर रह गया है। अवकाश के दिन को छोडक़र अन्य दिनों में मेला दुकानदारों की ग्राहकी बहुत ही कम रह गई है। दुकानदार दिन के समय फालतू ही बैठे रहते हैं।
हलुआ-पूड़ी नहीं खा रहे ग्राहक
हरिद्वार रेस्टोरेन्ट के मैनेजर राजू ने बताया कि सर्दियों में लगने वाले मेले में हलुआ, पूड़ी-सजी और दूध पीने वालों की अच्छी-खासी भीड़ रहती थी लेकिन गर्मी के कारण लोग इन चीजों को पसंद नहीं कर रहे हैं। वहीं गांवों में फसलों की कटाई होने से ग्रामीण लोगों ने मेले में आना बंद कर दिया है। साथ ही मेले का मुय द्वार रात 9 बजे तक नहीं खुलने के कारण कार से आने वाले व्यापारियों ने भी यहां आना बंद कर दिया है। स्थिति यह हो गई है कि हमें दुकान के खर्चे तक निकालना मुश्किल पड़ रहा है। संभवत: हम होली से पहले 22 से 23 मार्च तक मेला से पलायन कर जाएंगे।
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