प्रथम-द्वितीय वर्ष का परिणाम भी हाथ से चढ़ाया, नामांकन में भी गड़बड़ी

ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय ने चार्ट में हाथ से करेक्शन कर एक ही रोल नंबर पर नर्सिंग की दो-दो अंकसूचियां बनाने के मामले की विवि ने जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच में यह पता चला है कि दोनों छात्राओं का प्रथम एवं द्वितीय वर्ष का परिणाम भी चार्ट में हाथ से चढ़ाया गया था। दोनों छात्रों के नामांकन भी अलग-अलग महाविद्यालय से फारवर्ड किए गए। जबकि यह छात्राएं माधवी राजे सिंधिया नर्सिंग महाविद्यालय की थी। जांच समिति ने दोनों छात्राओं से जुड़े पूरे दस्तावेजों को जब्त कर लिया है। इससे बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है। माधवी राजे सिंधिया नर्सिंग महाविद्यालय की पोस्ट बैसिक बीएससी नर्सिंग की छात्रा ब्लेसी थॉमस के नामांकन की जब जांच कराई गई तो पता चला कि यह नामांकन पत्र महाविद्यालय की तरफ से आया था, जिसमें महाविद्यालय प्राचार्य के हस्ताक्षर व सील है।
वहीं दूसरी छात्रा पटेल सोनलबेन बाबूभाई का नामांकन केएस महाविद्यालय की तरफ से फारवर्ड किया। जबकि छात्रा के रिजल्ट में महाविद्यालय का नाम माधवी राजे सिंधिया लिखा है। जांच में दोनों छात्राओं के नामांकन में भी गड़बड़ी मिली है। वहीं छात्राओं की प्रथम एवं द्वितीय वर्ष का रिजल्ट भी चार्ट में हाथ से करेक्शन करके तैयार किया गया। यह दोनों रिजल्ट भी एक ही रोल नंबर पर तैयार किए गए। इससे संदेह अधिक पैदा हो रहा है कि दोनों छात्राओं का परिणाम फर्जी तरीके से तैयार किया गया है। विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. राकेश कुशवाह, उप-कुलसचिव डॉ. राजीव मिश्रा एवं उनकी टीम दिनभर उक्त प्रकरण की जांच करते रहे। दोनों छात्राओं से जुड़ा पूरा रिकार्ड भी तलब कर लिया गया है। वहीं दोनों महाविद्यालयों का रिकार्ड भी खंगाला जा रहा है। इस संबंध में महाविद्यालय को नोटिस जारी हो सकते हैं।
यह है प्रकरण
जीवाजी विवि से संबद्ध माधवी राजे सिंधिया नर्सिंग महाविद्यालय की पोस्ट बैसिक बीएससी नर्सिंग की छात्रा ब्लेसी थॉमस एवं पटेल सोनल बेन बाबूभाई की फाइनल की अंकसूची एक ही रोल नंबर 31170 जारी की गई। दोनों छात्राओं का परीक्षा परिणाम चार्ट में हाथ से करेक्शन करके बनाया गया है। दोनों ही छात्राओं की अंकसूचियां भी जारी कर दी गई। छात्रा पटेल सोनल बेन बाबू भाई की उपाधि के लिए विवि में आवेदन आने के बाद इस प्रकरण की परतें खुलने लगीं। आवेदन मेडिकल सेल में गया तो यहां के बाबू ने चार्ट देखा तो उसमें रिकार्ड था। उसने आवेदन उपाधि शाखा भेजा तो यहां के बाबू ने ऑनलाइन चेक किया तो पता चला कि उक्त छात्रा की उपाधि पहले ही जा चुकी है। यहां से पूरी फाइल फिर से मेडिकल शाखा भेजी गई तो मौजूदा बाबू विनोज जाटव ने रिकार्ड दिखाया तो पता चला कि उक्त छात्रा के अलावा ब्लेसी थॉमस नाम की छात्रा का रिजल्ट भी उसी रोल नंबर पर तैयार किया गया है। यह फर्जीवाड़ा पकड़ में आने के बाद विवि प्रशासन ने जांच शुरू करा दी है।
इनका कहना है
एक ही रोल नंबर पर नर्सिंग की दो-दो अंकसूची कैसे बना दी गईं इसकी जांच शुरू कर दी है। दोनों छात्राओं का रिकार्ड खंगाला जा रहा है। जरूरत पड़ी तो कॉलेज का रिकार्ड भी चेक कराया जाएगा। इसमें किसकी लिप्तता रही उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए कुलपति के पास भेजा जाएगा।
-प्रो. राकेश कुशवाह
परीक्षा नियंत्रक, जीवाजी विवि
