ग्वालियर JAH में मरीजों को मिलेगा बेहतर इलाज, ट्रॉमा सेंटर का होगा विस्तार, कार्डियोलॉजी से जुडेगा ICU

ग्वालियर/वेब डेस्क। जयारोग्य चिकित्सालय में पहुंचने वाले मरीजों को बेहतर उपचार मिल सके। इसके लिए जल्द ही ट्रॉमा सेन्टर का विस्तार किया जाएगा। साथ ही कार्डियोलॉजी विभाग को आईसीयू दिया जाएगा, जिससे ह्दय रोगियों को भी उपचार के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
दरअसल जयारोग्य के ट्रॉमा सेन्टर में प्रतिदिन अंचल भर के मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं, जिनमें से अधिकांश मरीज गम्भीर स्थिति में पहुंचते हैं। लेकिन ट्रॉमा में वर्तमान में सिर्फ 40 पलंग होने के कारण मरीजों को कई बार जमीन तक पर भर्ती करना पड़ता है। इसके अलावा कई मरीजों को स्ट्रेचर पर लिटा कर ही उपचार दिया जाता है। इसी परेशानी हो देखते हुए अस्पताल प्रबंधन द्वारा ट्रॉमा में कैजुअल्टी विभाग के ऊपर बने खाली हो चुके नेत्र रोग विभाग को जोड़ा जाएगा। इसके लिए रेम्प बनाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। नेत्र रोग विभाग के खाली भवन को ट्रॉमा से जोडऩे के बाद ट्रॉमा सेन्टर में कुछ पलंगों की संख्या 120 से अधिक हो जाएगी, जिससे मरीजों को आसानी से पलंग की उपलब्धता हो सकेगी। ट्रॉमा सेन्टर के नोडल अधिकारी डॉ. अभिलेख मिश्रा का कहना है कि ट्रॉमा व नेत्र रोग विभाग के खाली भवन को जोडऩे के लिए रैम्प का काम प्रगति पर है। नेत्र रोग विभाग के भवन में ट्रॉमा के सामान्य मरीजों को भर्ती किया जा सकेगा। जिससे मरीजों को काफी लाभ होगा।
ऑपरेशन थिएटर भी होगा शुरू
ट्रॉमा सेन्टर में वर्तमान में चिकित्सकों व स्टाफ के लिए भी पर्याप्त ड्यूटी कक्ष नहीं है। जिस कारण नर्सिंग स्टाफ व चिकित्सकों को भी ड्यूटी के दौरान परेशान होना पड़ेगा। लेकिन नेत्र रोग विभाग के खाली भवन में चिकित्सकों व स्टाफ के लिए पर्याप्त कक्ष है।
चिकित्सकों व स्टाफ को मिलेंगे कक्ष
ट्रॉमा में वर्तमान में दो मेजर ऑपरेशन थिएटर हैं, जिनमें 24 घंटे काम होता रहता है। लेकिन नेत्र रोग विभाग के ऑपरेशन थिएटर को भी ट्रॉमा में भी शामिल कर दिया जाएगा। जिससे छोटे मोटी ऑपरेशन मरीजों को जल्द किए जा सकेंगे।
कार्डियोलॉजी भी होगा 100 बिस्तर का
हजार बिस्तर के अस्पताल में मेडिसिन आईसीयू को सिफ्ट कर दिया गया है। इसलिए अब कार्डियोलॉजी विभाग को भी आईसीयू से जोडऩे की तैयारी की जा रही है। कार्डियोलॉजी में वर्तमान में 50 पलंग उपलब्ध है, ऐसे में मरीजों को मजबूरन जमीन पर भर्ती करना पड़ता है। लेकिन मेडिसिन आईसीयू मिलने से कार्डियोलॉजी में पलंगों की संख्या 100 हो जाएगी। इसके अलावा आईसीयू भवन में बने लगभग 20 प्राइवेट रूप भी कार्डियोलॉजी को देने की योजना बनाई जा रही है। जिससे कार्डियोलॉजी में भर्ती मरीजों को प्राइवेट रूम की भी उपलब्ध हो सकेगी। अस्पताल प्रबंधन द्वारा आईसीयू व कार्डियोलॉजी को जोडऩे के लिए रैम्प तैयार करा रहा है।
