हलवाई, सराफा और रियल स्टेट कारोबारी निकले सौ करोड़ी, लॉकरों ने उगले वेशकीमती गहने

ग्वालियर, न.सं.। आयकर विभाग द्वारा ग्वालियर के हलवाई, सराफा और रियल स्टेट कारोबारियों के यहां की गई छापामार कार्यवाही के दूसरे दिन मंगलवार को प्रारंभिक आंकलन में 100 करोड़ रुपए की कर चोरी पाई गई है। यह कारोबारी साझेदार हलवाई (कैटरिंग) बिल्डिंग निर्माण एवं भूखण्ड के अलावा हवाला व हुंडी के भी दो नंबरी कारोबारी निकले हैं। इसके साथ ही इनके दो दर्जन से भी अधिक लॉकरों में से 10 से 12 लॉकर में महिलाओं की वेशकीमती गहने निकले हैं।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के आयकर अधिकारियों की टीम ने ग्वालियर के कारोबारी पारस जैन, लक्ष्मण सप्रा उर्फ बंटी कैटर्स, नरेश खण्डेलवाल, प्रमोद मालू, सोनू जैन, साकेत सोमानी आदि के लगभग 20 से अधिक ठिकानों पर सोमवार की सुबह 6:30 बजे से कार्यवाही शुरू की जो दूसरे दिन मंगलवार को देर रात तक जारी रही। उक्त कारोबारी अलग-अलग व्यवसाय से हैं लेकिन जमीन कारोबार में साझेदार हैं। इसलिए आयकर अधिकारियों ने इनसे जुड़े सभी व्यवसायों को एक साथ लेकर बड़ी कार्यवाही की है। जिसमें 100 करोड़ से भी अधिक का कर अपवंचन पाया गया है। खास बात यह है कि इनसे बरामद दस्तावेजों में जिन अन्य व्यापारियों द्वारा हुंडी, हवाला और जमीन का कारोबार किया है, वे भी अब आयकर अधिकारियों के निशाने पर हैं। इसे लेकर सराफा कारोबारियों में दहशत है क्योंकि तमाम सराफा कारोबारी जमीन कारोबार में कूंदकर अकूत संपत्ति अर्जित कर चुके हैं। चूंकि पारस जैन चेम्बर के उपाध्यक्ष रहे हैं तो सबसे बड़ा नाम उन्हीं का है। उनकी पुरानी फर्म मुरार के सदर बाजार में फर्म पारस ज्वैलर्स इसके साथ ही चेतकपुरी के सामने इनके द्वारा एक बहुमंजिला इमारत बनाकर बेची गई है जबकि इसके आगे एक और बहुमंजिला इमारत निर्माणाधीन है। ऑरचिड टॉवर के नाम से बनाई इमारत में जैन परिवार और साझेदारों के 7 फ्लैट हैं। इसी में इनके कार्यालय भी संचालित हैं जहां से तमाम दस्तावेज बरामद हुए हैं जिसमें करोड़ों रुपए के लेनदेन की जानकारी मिली हैं।
यह मिला आयकर विभाग को:-
आयकर विभाग द्वारा मंगलवार को की गई कार्यवाही में इन कारोबारियों के यहां से 20 करोड़ रुपए की हुंडी, 15 करोड़ रुपए के हवाले का लेनदेन, रियल स्टेट कारोबार और कैटरिंग में 40 करोड़ की कर चोरी मिली है। इसी के साथ विभाग ने इन कारोबारियों के 10 से 12 बैंक लॉकरों को खोला है जिसमें महिलाओं के वेश कीमती गहने मिले हैं। इसी के साथ शेष लॉकर बुधवार को खोले जाएंगे और आगे की कार्यवाही भी जारी रहेगी।
चर्चित इमारत का नहीं हो सका समझौता:-
नारायण कंस्ट्रक्शन द्वारा ऑरचिड टॉवर के आगे एक अन्य आठ मंजिला इमारत ताने जाने पर एक राजनेता से जुड़े लोगों ने नगर निगम में शिकायत दर्ज कराई कि यह इमारत मंजूरी से अधिक बनी है। इसलिए इसकी ऊपरी मंजिलें तोड़ी जाएं। जिस पर निगम ने बिल्डर को नोटिस दिया लेकिन बिल्डर द्वारा समझौता शुल्क के नाम पर कुछ राशि निगम के खाते में जमा कराई गई जो मंजूरी दायरे में नहीं मानी गई। लेकिन किसी दवाब में निगम अधिकारियों ने इस मामले को ठण्डे बस्ते में डाल दिया। जिससे इमारत लगातार निर्माणाधीन है।
बड़े सराफाई और बिल्डरों को बुलाया:-
आयकर अधिकारियों ने दस्तावेजों की छानबीन के बाद उक्त साझेदारों से व्यवसाय करने वाले शहर के लगभग 40 ऐसे कारोबारियों को चिन्हित किया है जो दो नंबर के व्यवसाय में लिप्त रहे हैं। खबर तो यहां तक है कि इन सभी को तलब कर जानकारी मांगी जा रही है जिसके भय से व्यवसाई अंडरग्राउंड हो गए हैं।
अधिकारियों और राजनेताओं का लगा है धन:-
सूत्रों के अनुसार छापामार कार्यवाही में पाया गया है कि इन कारोबारियों के जरिए तमाम बड़े अधिकारियों और राजनेताओं ने अपना कालाधन निवेश कर रखा है। जिससे व्यवसाई अधिकारियों और राजनेताओं का गठजोड़ सामने आया है। पता लगा है कि अब आयकर के अलावा प्रवर्तन निदेशालय की नजर में भी उक्त लोग आ गए हैं। जिससे ईडी द्वारा भी जांच किए जाने की संभावना है।
