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स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, रिहायशी इलाके में जलवा रहे वेस्ट मटेरियल

रिहायशी इलाके में बेस्ट मटेरियल जलने से संक्रमण फैलने का खतरा

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, रिहायशी इलाके में जलवा रहे वेस्ट मटेरियल
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ग्वालियर,न.सं.। कोरोना काल में जहां जिला प्रशासन शहर में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए दिन-रात मेहनत कर रहा है। वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से रिहायशी इलाके में अस्पतालों से निकलने वाले वेस्ट मटेरियल को आग लगवाकर लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। जिससे रिहायशी इलाके में संक्रमण फैलने का खतरा बढऩे लगा है। यह जानलेवा काम गांधी रोड स्थित सत्यदेव नगर सत्यम् रेजीडेंसी के पास पिछले तीन दिन से चल रहा है। इसी इलाके में बेस्ट मटेरियल जलने से यहां रहने वाले लोगों में दहशत फैलने लगी है।

जानकारी के अनुसार गांधी रोड स्थित सत्यदेव नगर के पीछे पिछले तीन दिनों से एक एम्बुलेंस आकर रुकती है और फिर एक कर्मचारी खुले में वेस्ट मटेरियल डालता है और फिर आग लगाकर वहां से निकल जाते हैं। आग लगते ही धुंआ सत्यम् रेजीडेंसी, सार्थक अपार्टमेंट आकाशवाणी में रहने वाले लोगों के घरों में पहुंच जाता है। जिसक चलते वहां रहने वालों को पिछले दो दिनों से घबराहट होने लगी है। शहर में खुलेआम पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी, नगर निगम और जिला प्रशासन उदासीन बना हुआ हैै। शासन के नियमानुसार यदि कोई नर्सिंग होम, अस्पताल या क्लीनिक इन नियमों का पालन नहीं करता है तो उसकी मान्यता व लाइसेंस निरस्त करने का प्रावधान है।

यह है निस्तारण का नियम

मेडिकल केंद्रों से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट मटेरियल के निस्तारण के लिए मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड द्वारा संस्थाएं चलाई जाती हंै। यह संस्था मेडिकल केंद्रों से निकलने वाले वेस्ट मटेरियल का प्रतिदिन केंद्र से उठान करती हैं और प्लास्टिक थैली में पैक करके अपने साथ निस्तारण के लिए ले जाती है।

-हर प्रकार के वेस्ट मटेरियल के लिए अलग रंग का बैग

पीला बैग - रोगी का कचरा, संक्रमित कचरा, प्रयोगशालाओं का कचरा, सनी हुई ड्रेसिंग।

लाल बैग - संक्रमित प्लास्टिक कचरा, कैथेटर, कैनुला, सीरिंज, ट्यूब, बोतल

नीला बैग - ग्लास का टूटा सामान, इंजेक्शन, एक्यूल स्लाइड, निडिल, ब्लेड, धातु के धारदार एवं नुकीला सामान

काला बैग - पेशाब, बलगम, मवाद, संक्रमित कपड़े, ओटी के कपड़े, लेबर रूम के कपड़े स्टोर किए जाते हैं।

यह हो सकता है नुकसान

वरिष्ठ चिकित्सकों की मानें तो खुले पड़े मेडिकल कचरे से निमोनिया, हैजा, डेंगू, स्वाइन फ्लू, हेपेटाइटिस-बी व कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती हैं। इसके अलावा मवेशी भी इस चिकित्सीय कचरे को भी खा लेते हैं, इससे उनके शरीर में संक्रमण होता है और धीरे-धीरे वे दम तोड़ देते हैं। इससे पर्यावरण को भारी नुकसान होने के साथ ही बीमारियां फैलने की आशंका है। लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।

Updated : 19 July 2020 1:38 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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