गिनती में केले 40 रुपए में 12 और किलो में 10

शहर में केला बेचने की बदली प्रथा
ग्वालियर। केला हर वर्ग की पसंद है। स्वास्थ्यवर्धक होने के कारण हर कोई केले को खाना पसंद करता है। शहर में अब तक केलों की बिक्री गिनती के अनुसार होती आई है, लेकिन कुछ दिनों से शहर में यह प्रथा बदल गई है। केले बेचने वाले व्यापारी केलों को अब किलो के भाव से बेच रहे हैं।
केला किलो के भाव से बिकने के कारण ग्राहकों को प्रति किलो पर दो से तीन केलों का नुकसान हो रहा है। मजबूरी में ग्राहकोंं को केले किलो के भाव में खरीदना पड़ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि शहर में अब तक केले 40 रुपए दर्जन (12 केले) के भाव से बिकते आ रहे हैं लेकिन कुछ दिनों से केले की बिक्री का तरीका बदल गया है।
ठेले और फल दुकानदारों द्वारा केले गिनती की जगह किलो के भाव से बेचे जा रहे हैं। बाजार में केले 30 रुपए किलो और 40 रुपए में सवा किलो बेचे जा रहे हैं। मजबूरन ग्राहकों को महंगे केले खरीदना पड़ रहे हैं।
केले बेचने वालों को फायदा
बाजार में इस समय अच्छे मोटे-ताजे केले आ रहे हैं। बाजार में जो केले 40 रुपए दर्जन में बेचे जा रहे हैं उनका वजन तौला जाए तो यह डेढ़ किलो के आसपास होता है। अगर इन्हीं केलों को तोल के भाव से बेचा जाए तो इनका वजन लगभग एक किलो से एक किलो 200 ग्राम बैठता है। इस प्रकार से उन्हीं दामों पर किलो के भाव से केले बेचने पर दुकानदार को 250 से 300 ग्राम का लाभ हो रहा है। मतलब 40 रुपए केले की बिक्री पर एक दुकानदार को दो से तीन केलों का लाभ हो रहा है जबकि ग्राहकों को इतने ही केलों का नुकसान हो रहा है।
