सीएमएचओ के संरक्षण में फल-फूल रहे झोलाछाप चिकित्सक

सीएमएचओ के संरक्षण में फल-फूल रहे झोलाछाप चिकित्सक
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एक माह में भी नहीं मिली सर्वे रिपोर्ट

ग्वालियर। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के संरक्षण में इन दिनों झोलाछाप चिकित्सक अपनी क्लीनिकें सजाए बैठे हैं। यह चिकित्सक मरीजों को न सिर्फ लूट रहे हैं बल्कि गलत उपचार देकर उनकी जान तक ले रहे हैं। इसके बाद भी सीएमएचओ अपनी आंखें बंद करके बैठे हुए हैं।

शहर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मृदुल सक्सेना ने गत एक माह पूर्व झोलाछाप चिकित्सकों पर कार्रवाई के लिए 40 वार्डों में 40 चिकित्सा अधिकारियों को सर्वे कर 15 दिवस में रिपोर्ट सीएमएचओ कार्यालय में सौंपने की बात कही थी, लेकिन आज पूरा एक माह बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट तो दूर की बात है, चिकित्सकों ने अपने क्षेत्रों में सर्वे तक नहीं किया है। इतना ही नहीं एक अगस्त को फर्जी चिकित्सक डॉ. महेश शर्मा द्वारा दिए गए उपचार से एक बच्चे की मौत हो जाने के बाद सीएमएचओ डॉ. सक्सेना कांच मिल रोड स्थित सिर्फ एक ही क्लीनिक पर कार्रवाई कर लौट आए और इसी क्षेत्र में संचालित मंगल क्लीनिक पर कार्रवाई तो दूर, जांच करना भी उचित नहीं समझा, जबकि सीएमएचओ ऑफिस में सात अधिकारी और 15 बाबू कार्यरत हैं। वहीं शहर में करीब दो हजार से अधिक बिना पंजीयन के फर्जी क्लीनिक संचालित हो रही हैं। इससे साफ है कि यह क्लीनिकें सिर्फ सीएमएचओ के संरक्षण में ही फल-फूल रही हैं और वे मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करवाने में लगे हुए हैं।

जिला प्रशासन भी नहीं ले रहा रुचि

दिसम्बर माह में स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गौरीसिंह ने सभी जिलाधीशों को निर्देश दिए थे कि फर्जी चिकित्सकों पर कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ मुहिम चलाई जाए। इसके बाद एसडीएम व सीएसपी सहित नौ टीमें बनाई गई थीं, लेकिन एसडीएम और सीएसपी इस कार्रवाई में शामिल ही नहीं हुए। इस कारण तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. एस.एस. जादौन द्वारा सील की गई क्लीनिकें दुबारा खुल गई हैं।

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