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22 वर्ष बाद नहीं विराजेंगे अचलेश्वर के गणपति महाराज!

कोरोना वायरस के चलते उठाया कदम

22 वर्ष बाद नहीं विराजेंगे अचलेश्वर के गणपति महाराज!
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ग्वालियर, न.सं.। कोरोना संक्रमण के चलते शहर के सबसे मशहूर मंदिर श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर पर गणपति महाराज का आगमन शायद नहीं होगा। 22 वर्ष में शायद ऐसा पहली बार होगा कि जब मंदिर पर गणपति महाराज को नहीं बैठाया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि मार्च माह से कोरोना वायरस फैलता जा रहा है। ग्वालियर में कोरोना मरीजों की संख्या 400 के पार हो गई है। आने वाले समय में इनकी संख्या में और अधिक वृद्धि हो सकती है। कोरोना वायरस के कारण प्रशासन ने भी सामूहिक कार्यक्रमों और धार्मिक कार्यक्रम पर रोक लगा रखी है। गणेश चतुर्थी का त्यौहार भी 22 अगस्त से है। ऐसे में श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर श्री गणपति जी की प्रतिमा को विराजमान करने से कतरा रहा है।

जगह-जगह विराजते हैं गणपति और माता

देवशयनी एकादशी के बाद से त्यौहारों का सीजन शुरू हो गया है। एक के बाद एक त्यौहार लगे हुए हैं। 22 अगस्त से गणेश चतुर्थी तो 17 अक्टूबर से नवरात्रि प्रारंभ होने वाली हैं। इस दौरान भक्तों द्वारा जगह-जगह श्री गणपति महाराज और माता रानी की स्थापना की जाती है। लेकिन इस बार ऐसा होना कठिन नजर आ रहा है।

रोजी-रोटी पर पड़ेगा असर

शहर में ऐसे कई लोग हैं जो गणपति और माता उत्सव के दौरान मिट्टी की प्रतिमाएं बनाकर बेचते हैं। इससे आने वाली राशि वर्ष भर उनके काम आती है और उनका परिवार चलता है। इस बार प्रतिमाएं विराजमान नहीं होने के कारण इन लोगों की रोजी रोटी पर असर पड़ सकता है।

अचलेश्वर मंदिर में भक्तों का प्रवेश बंद

श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर में 19 मार्च से आज तक भक्तों का प्रवेश पूर्ण रूप से बंद है। सावन माह में भी भक्तों का प्रवेश बंद रहेगा। कोरोना वायरस के कारण भक्त बाहर से भगवान शिव के दर्शन कर रहे हैं और वहां लगे कूपों से भगवान पर जल चढ़ाया जा रहा है।

'वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए इस बार गणपति को विराजमान करना शायद संभव नहीं है। इस संबंध में पदाधिकारियों से चर्चा की जाएगी।Ó

भूवनेश्वर वाजपेयी

सचिव, श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर

'अगर कोरोना संक्रमण कम हुआ तो ही गणपति और माता रानी को बैठाएंगे। संक्रमण ऐसा ही रहा तो घरों में पूजा की जाएगी।Ó

पं. सतीश सोनी

पुजारी, बालाजी धाम मंदिर

Updated : 6 July 2020 6:59 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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