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डॉ भल्ला ने कांग्रेस नेता परिहार दम्पत्ति पर कराया धोखाधड़ी का मामला दर्ज

पिछले दिनों ढहाया गया था सहारा अस्पताल, कांग्रेस नेता के किराएदार है डॉ भल्ला

डॉ भल्ला ने कांग्रेस नेता परिहार दम्पत्ति पर कराया धोखाधड़ी का मामला दर्ज
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फ़ाइल फोटो 

ग्वालियर, न.सं.। नगर निगम की शासकीय जमीन को किराए पर देने वाले कांग्रेस नेता बृजमोहन परिहार और उसकी पत्नी रश्मि परिहार के खिलाफ झांसी रोड थाने में अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एएस भल्ला की शिकायत पर धोखाधड़ी का मामला पंजीबद्व किया गया है। नेता और उसकी पत्नी दो दशक से भी ज्यादा समय से चिकित्सक से किराया वसूल रहे थे। पिछले वर्ष जिला प्रशासन एवं नगर निगम ने बसंत विहार स्थित सहारा अस्पताल पर बुलडोजर चलाकर तहस नहस कर दिया था।

बसंत बिहार 19 ए नम्बर में चिकित्सक अभिजीत सिंह पुत्र यूटीएस भल्ला 64 वर्ष द्वारा दो दशक से भी ज्यादा समय से सहारा अस्पताल संचालित किया जा रहा था। 6 दिसम्बर 2019 को जिला प्रशासन व नगर निगम ने उक्त अस्पताल को बिना अनुमति निर्माण बताते हुए बुलडोजर चलाकर उसे तहस नहस कर दिया थ। जिस जमीन पर डॉ. भल्ला ने अत्याधुनिक अस्पताल बनाया था, उस जमीन को कांग्रेस नेता ब्रजमोहन परिहार उनकी पत्नी रश्मि परिहार ने 1 अगस्त वर्ष 1997 में किराए पर दी थी। लेकिन तुड़ाई के दौरान न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई करने के बाद इस स्थान को पार्क की जमीन माना। डॉ. भल्ला ने मंगलवार को झांसी रोड थाना में ब्रजमोहन और रश्मि परिहार की शिकायत की। जिसमें उन्होंने दर्शाया कि पति-पत्नी ने गलत तथ्यों के आधार पर बंसत बिहार की जमीन का स्वामित्व अपने को बताकर किराए पर दिया था, जबकि उक्त जमीन के डॉ. भल्ला ने कागजात मांगे लेकिन उन्होंने नहीं दिए। बताया गया है कि कांगे्रस नेता ने 22 बर्षों में डॉ. अभिजीत भल्ला से दो करोड़ से ज्यादा से किराया वसूल किया। रश्मि परिहार व ब्रजमोहन ने मौखिक आधार पर किराया तय किया था, उसी आधार पर लगातार किराया दिया जा रहा है। पुलिस ने डॉ. भल्ला की शिकायत पर ब्रजमोहन व रश्मि के खिलाफ धारा 420 के तहत प्रकरण दर्ज कर उनकी तलाश प्रारंभ कर दी है।

वर्ष 2004 से न्यायालय मे किराया जमा

वर्ष 2004 में ब्रजमोहन और रश्मि परिहार ने डॉ. एएस भल्ला के विरुद्ध न्यायालय में अस्पताल खाली करने का दावा पेश किया। 25 जुलाई 2016 न्यायालय में प्रार्थी के पक्ष में फैसला दिया था, जिसकी प्रथम अपील पति पत्नी द्वारा न्यायालय में दाखिल की गई जो अभी भी लम्बित है। इस कारण सहारा अस्पताल का किराया 2004 से नियमित न्यायालय में जमा किया जा रहा है।

तोडफ़ोड़ के समय कर्मचारी बिलख रहे थे

जिस समय नगर निगम शक्ति प्रदर्शन करते हुए सहारा अस्पताल में तीन चार जेसीबी मशीनो से तोडफ़ोड़ कर रहा था उस समय वहां काम करने वाले कर्मचारी रोते बिलखते तोडफ़ोड़ नहीं करने की गुहार लगा रहे थे।

Updated : 16 July 2020 1:00 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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