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ग्वालियर में जमकर बरसे बादल, तिघरा हुआ फुल, अक्टूबर में बांध के पहली बार पांच गेट खुले

ग्वालियर में जमकर बरसे बादल, तिघरा हुआ फुल, अक्टूबर में बांध के पहली बार पांच गेट खुले
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ग्वालियर। शहर में पिछले एक सप्ताह से जारी बारिश का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा। दोपहर में लगभग एक घंटे तक कभी रिमझिम तो कभी झमाझम बारिश हुई। बारिश के बाद तिघरा डेम के पांच गेट सोमवार दोपहर में खोलना पड़े। तीन साल बाद शनिवार को बांध के पांच गेट खोलकर लगभग डेढ़ माह का पानी डाउन स्ट्रीम में बहाया गया है। यह पानी बानमोर, पिलोआ और कोतवाल बांध में छोड़ा गया है। तिघरा में वर्तमान में जुलाई 2023 तक का पानी है। वहीँ अंचल के अन्य बांध भी फुल है। जिससे शहर में अगले दो वर्षों तक पानी की दिक्कत नहीं होगी।

अधिकारियों के अनुसार तिघरा कैचमेंट एरिया के जंगलों में लगातार बारिश हो रही है। जिसके चलते आने वाले दिनों में बांध में और पानी आ सकता है। जिसके चलते उम्मीद है आने वाले दिनों में और गेट खुल सकते है। अब तक के इतिहास में ये पहला मौका है जा अक्टूबर माह में बांध के पांच गेट खुले है। इससे पहले शनिवार देर रात 12 बजे पहले द्वार नंबर तीन को खोला गया था, लेकिन उसके बावजूद जल स्तर कम नहीं होने पर दो और गेट खोल दिए गए। इसके बावजूद रविवार और सोमवार को लगातार बांध में पानी आता रहा, जिसके चलते आज दोपहर तीन बजे कुल पांच द्वार खोल दिए गए।

फसलों को नुकसान -

ग्वालियर सहित आसपास के जिलों में गत चार अक्टूबर से आए दिन रुक-रुककर बारिश हो रही है। इस बारिश से लोगों को गर्मी से राहत जरूर मिल रही है, लेकिन इससे खरीफ फसलों को भारी नुकसान होने की बात कही जा रही है। इसी क्रम में सोमवार को सुबह से दोपहर तक बादल बिखरे होने से हल्की धूप खिली रही, जबकि दोपहर डेढ़ बजे के आसपास बादलों का घनत्व बढ़ना शुरू हुआ और लगभग पौने दो बजे से गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी शुरू हो गई। धीरे-धीरे बूंदों ने रफ्तार पकड़ी तो झमाझम बारिश होने लगी, जो लगभग पौने तीन बजे तक जारी रही। इसके बाद से ही आसमान में घने काले बादल डटे हुए हैं। जिससे रात में भी बारिश की संभावना बनी हुई है।

13 अक्टूबर से मिलेगी राहत -

स्थानीय मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि आंध्रप्रदेश के तटीय क्षेत्रों में बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र अब आगे बढ़कर पूर्वोत्तर राजस्थान में पहुंच गया है। श्रीलंका के पास दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में भी एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अलावा पूर्वोत्तर अरब सागर से गुजरात होते हुए पूर्वोत्तर राजस्थान तक एक द्रोणिका लाइन भी गुजर रही है। इन मौसम प्रणालियों के प्रभाव से हवाओं की दिशा दक्षिण-पूर्वी बनी हुई है। जिससे बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से नमी आ रही है। इसके चलते ग्वालियर-चंबल में मंगलवार को कुछ स्थानों पर और बुधवार को कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, जबकि 13 अक्टूबर से मौसम शुष्क हो जाएगा।

Updated : 13 Oct 2022 4:43 PM GMT
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स्वदेश डेस्क

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