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निगम में चेहरे बदले पर नहीं बदली शहर की सूरत, पहले की तरह आज भी बह रहा है सीवर का पानी

निगम में चेहरे बदले पर नहीं बदली शहर की सूरत, पहले की तरह आज भी बह रहा है सीवर का पानी
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ग्वालियर। नगर निगम चुनाव के बाद जीते हुए पार्षद आज भी अपने क्षेत्र की समस्याओं से जूझ रहे है। लगभग हर पार्षद की की समस्याएं एक जैसी हैं लेकिन काफी लंबे समय से आम जनता के लिए सिरदर्द बनी हुई हैं। समय बदलता गया, चेहरे भी समय के अनुसार बदलते रहे लेकिन हालात नहीं बदल सके। उन्हीं से जूझ रही आम जनता भी अब निराशा के गर्त में डूबी हुई है। उसे नए पार्षदों से काफी उम्मीदे थी, लेकिन लगभग डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी समस्याओं का निराकरण नहीं हो पाया है।

शहर के विभिन्न वार्डो में देखा जाए तो यहां की समस्याएं आम जनता के लिए आदत सी बन गई हैं। लोग खटारा सडक़ों पर चलना, सीवर युक्त पानी जैसी समस्याओं को आदत बना चुके हैं। जनप्रतिनिधि भी इसे दूर करने के बजाय हर चुनाव में वादे तो कर देते हैं लेकिन इसके बाद परिणाम वही ढाक के तीन पात आते हैं। अतिक्रमण तो शहर के लिए बड़ी बीमारी की तरह चिपक गया है। विकास के नाम पर केवल कागजी रुपरेखा ही तैयार होती रही है।

महापौर अपने पार्षद की समस्या का नहीं कर पा रही निराकरण

वार्ड 28 में पानी की आज से नही पछिले एक महीन से समस्या है, लेकिन अधिकरियों द्वारा उनके वार्ड की समस्या का निराकरण नहीं किया जा रहा है। जबकि महापौर कांग्रेस की है, उसके बाद भी वे अपने ही पार्षद की समस्या का निराकरण नहीं कर पा रही है।

परिषद में एक स्वर में सभी पार्षदों ने गिनाई थी समस्या

बीते दिनों परिषद में आयोजित विशेष सम्मेलन में 66 वार्डो के पार्षदों ने अपने समस्याएं सभापति के माध्यम से निगमायुक्त किशोर कान्याल को बताई थी। लेकिन परिषद की बैठक होने के बाद भी पार्षदों के वार्ड की समस्या का निराकरण नहीं हो पाया। यहां तक कि निगमायुकत को सभापति व महापौर ने निर्देश दिए थे कि वार्ड में पार्षदों के साथ एक अधिकारी नियुक्त करें, लेकिन अधिकारी पार्षदों के फोन तक नहीं उठा रहे है।

इनका कहना है

वार्ड में सात से ज्यादा बोरिंग खराब है। अधिकारी फोन उठाते नहीं है। हमने महापौर व विधायक को समस्या बताई है। जिसके बाद उन्होंने निगमायुक्त से चर्चा की है। निगमायुक्त ने दो दिन में सभी बोरिंगों को ठीक कराने का आश्वासन दिया है।

गायत्री सुधीर मंडेलिया

पार्षद

वार्ड में पांच से अधिक बोरिंग खराब है। कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। लाइट बंद है, सीवर उफन रहे है। यह बोरिंग आज की खराब नहीं है पिछले एक महीने से खराब है। कोई सुनने वाला ही नहीं है।

नागेन्द्र राणा

पार्षद

Updated : 24 Sep 2022 4:52 PM GMT
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स्वदेश डेस्क

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