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शासन के निर्देशों पर होगा अमल, सितम्बर में होंगी विवि की परीक्षाएं

विवि की स्थायी समिति की बैठक में हुआ निर्णय

शासन के निर्देशों पर होगा अमल, सितम्बर में होंगी विवि की परीक्षाएं
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ग्वालियर, न.सं.। जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में शनिवार को स्थायी समिति की बैठक हुई। बैठक में विश्वविद्यालय की परीक्षाएं कराने के संबंध में निर्णय हुआ। जिसमें तय हुआ कि शासन के दिशा-निर्देशों और गठित कुलसचिवों की समिति की अनुशंसाओं के आधार पर परीक्षाएं कराई जाएंगी। परीक्षाओं को टालने के संबंध में असहमति जताई गई। यह परीक्षाएं आगामी माह में होंगी, जिसकी तैयारी विवि प्रशासन ने लगभग पूरी कर ली है।

बैठक में मध्यप्रदेश राज्य मुक्त स्कूल षिक्षा परिषद भोपाल से आईटीआई विषयों में पास पाठ्यक्रम के आधार पर बीकॉम में प्रवेश करने को मान्य किया गया। बैठक में विषय रखा गया कि ग्वालियर मानसिक आरोग्यशाला में एमफिल क्लीनिकल साइकोलॉजिकल का दो वर्षीय पाठ्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसकी संबद्धता जीवाजी विश्वविद्यालय ने संस्थान को 6 सीट व 6 साल के लिए दी है, लेकिन संस्थान को रिहेबिलेशन काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा भी 2020 के सत्र के लिए 8 सीट की मान्यता व स्वीकृति दी गई है। इस संबंध में निर्णय को मान्य कर लिया गया। इस दौरान गांधी वोकेशनल महाविद्यालय गुना को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा ग्रांट ऑफ एक्सटेंशन ऑफ ऑटोनोमस स्टेटस 2020-21 से 2029-30 तक कुल दस सालों के लिए प्रदान किया गया है। इस संबंध में भी निर्णय को मान्य करते हुए महाविद्यालय को विवि द्वारा भी ऑटोनोमी प्रदान की गई। वहीं भगत उदय सिंह महाविद्यालय पचैरा गोरमी भिंड को शासन के आदेशानुसार बंद किए जाने का निर्णय भी लिया गया। बैठक से पहले नए सदस्यों का स्वागत पुष्पगुच्छ भेंटकर किया गया। इस दौरान कुलाधिसचिव प्रो. डी.डी. अग्रवाल, कुलसचिव प्रो. आनंद मिश्रा, प्रो. अविनाश तिवारी, प्रो. डी.एन. गोस्वामी, प्रो. संजय कुलश्रेष्ठ, प्रो. जे.एन. गौतम, प्रो. एस.के. शुक्ला, प्रो. के.एस. ठाकुर उपस्थित रहे।

यह भी हुए निर्णय

-ऐसे छात्र जो स्नातक व स्नातकोत्तर के सामान्य पाठ्यक्रमों में अधिकतम अवधि तथा अतिरिक्त एक वर्ष तक भी पाठ्यक्रम पूरा नहीं कर पाते, उन्हें शासन के आदेशानुसार स्वाध्यायी छात्र के रूप में बैठाने व स्वाध्यायी डिग्री प्रदान करने का निर्णय हुआ। ऐसे में छात्रों के गैप को भी ध्यान में रखना होगा।

-योग संबंधी पाठ्यक्रमों के संबंध में एमए और एमएससी दोनों की डिग्री प्रदान करने का निर्णय हुआ।

Updated : 4 Sep 2020 1:42 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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