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मुरार में मदाखलत की मिलीभगत से होता है सड़क पर अतिक्रमण

मुरार में मदाखलत की मिलीभगत से होता है सड़क पर अतिक्रमण
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ग्वालियर, न.सं.। शहर में अस्थायी अतिक्रमण और बाजारों में सड़कों पर लगने वाले ठेले आमतौर पर तो खुलेआम लगते हैं लेकिन वीआईपी मूवमेंट में तत्काल हटा दिए जाते हैं। बाड़ा हो या हजीरा, मुरार कहीं भी नेता या अधिकारी पहुंच जाएं तो अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने में अमला देर नहीं करता है। रोजाना की हकीकत यह है कि निगम का मदाखलत अमले के सामने अस्थायी अतिक्रमण रहता है लेकिन कार्रवाई कोई नहीं करता। इस रवैए से यही स्पष्ट है कि अमला अतिक्रमणकारियों से सेटिंग करके बैठा है।

यहां बता दें कि उच्च न्यायालय के आदेश हैं कि अतिक्रमण करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो। मदाखलत अमला कार्रवाई करने की बजाय खुद ही संरक्षण देकर कमाई में लगा है, यही स्थिति पुलिस की है। सूत्रों के अनुसार फुटपाथी और ठेलों का पूरा सिस्टम बना है, इसमें मदाखलत और पुलिस का हिस्सा भी तय है। हजीरा व मुरार में सड़कों पर ठेले और टैम्पो से यातायात जाम होता है। शिंदे की छावनी पर ठेलों के साथ बीच सड़क डिवाइडर से जाम से आम लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस मामले में मदाखलत अधिकारी शशिकांत शुक्ला का कहना है कि मुरार में मदाखलत की गाड़ी रोज जाती है, वहां पर कोई भी ठेला नहीं लगता है। उन्होनें बताया कि मदाखलत की गाड़ी एक ही स्थान पर खड़ी नहीं रह सकती है। गाड़ी जाने के बाद ठेले वाले बीच सड़कों पर आ जाते है।

पूरे क्षेत्र में लगभग दो लाख का बाजार

बताया जाता है कि इस क्षेत्र में अकेले ठेलों से लगभग 2 लाख रुपए प्रतिदिन का बाजार है। इस पूरे व्यवसाय पर दबंगों का कब्जा है, इसलिए जब भी निगम कार्रवाई करता है तो दबंगों के इशारे पर स्थानीय असामाजिक तत्व और ठेला चालक मिलकर हंगामा करते हैं। जिससे निगम पर दबाव बन सके।

दबंगों के ठेलों में मजदूर बाहरी

-बारादरी चौराहे से अस्पताल तिराहा

-गंज गेट से गिर्राज मंदिर

-गिर्राज मंदिर से बस स्टैंड तक, इसके बाद कन्या विद्यालय और हॉकर्स जोन में

ठेले खड़े होते हैं।

-मुरार क्षेत्र के दबंगों ने सदर बाजार में स्वयं की पूंजी से ठेले लगाए हैं। इनको चलाने के लिए वे दिहाड़ी पर माल देते हैं। इसको लगाने वाले को सौ रुपए तक मजदूरी मिलती है। इसके अलावा वह मुनाफा भी कमाता है।

-दबंगों द्वारा सुबह के समय तौलकर माल दिया जाता है। इसके बाद शाम को माल का पूरा पैसा लिया जाता है।

-सरकारी सड़क के उपयोग से लाखों रुपए कबाड़ रहे दबंगों ने फल आदि भरने के लिए पास में ही गोदाम बनाए है। इनका माल बेचने के लिए डबरा, टेकनपुर, मालनपुर, जेसी मिल मजदूर यहां आकर ठेलों पर काम करते हैं।

Updated : 10 Aug 2020 1:00 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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