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शिक्षक ही बच्चों को संस्कारवान बनाता है: सौम्या तारे -

कर्मचारियों का सम्मान समारोह आयोजित

शिक्षक ही बच्चों को संस्कारवान बनाता है: सौम्या तारे    -
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ग्वालियर, न.सं.। मेरे व्यक्तित्व विकास पर शिक्षकों का बहुत योगदान रहा है। मेरा सौभाग्य है कि उनकी बदौलत ही आज मैं उच्च स्थान पर हूँ। शिक्षकों के पास ही ऐसा हुनर होता है जो बच्चे के भविष्य को बना भी सकते हैं और बिगाड़ भी सकते हैं। शिक्षक ही बच्चों को संस्कारवान बनाते हैं। इन्हीं संस्कारों से बच्चा आगे बढ़ता है और एक अच्छा मुकाम हासिल करता है। यह बात मुख्य अतिथि की आसंदी से युवा पत्रकार कु. सौम्या तारे ने वीरांगना लक्ष्मीबाई शिक्षा समिति व मध्य भारत शिक्षा समिति द्वारा संचालित विभिन्न विद्यालयों के कर्मचारियों के सम्मान समारोह के अवसर पर कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्यभारत शिक्षा समिति के अध्यक्ष नरेन्द्र कुंटे ने की। स्वागत भाषण प्राचार्य जगदीश प्रसाद श्रीवास ने दिया।

सौम्या तारे ने कहा कि हम बच्चों को जो सिखाते हैं उसके फायदे भी बताना होंगे। तभी वह आगे बढ़ सकेंगे। बच्चों में जब आत्मविश्वास होगा तभी वह बाहर की चुनौतियों का सामना कर सकेंगे। अभिभावकों और अध्यापकों को ध्यान देना होगा कि बच्चा सोशल मीडिया पर क्या देख रहा है। समय-समय पर बच्चों का मार्गदर्शन करना होगा। उसे बताना होगा कि सोशल मीडिया पर उसके लिए क्या अच्छा है। किस चीज को ग्रहण करके वह अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। सौम्या ने कहा कि हमें बच्चों के विचारों को सुनने की कोशिश करनी होगी कि वह सही मायने में क्या चाहता है। उसे किस प्रकार की समस्याएं आ रही हैं। शिक्षकों को भी यह समझना होगा कि कक्षा से बाहर भी बच्चों की कोई जिंदगी है। उन्होंने कहा कि आज जिन कर्मचारियों का सम्मान किया जा रहा है, यही विद्यालयों को संचालित करने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। कोरोना काल में इनके द्वारा जो काम किया गया है वह सराहनीय है। समय-समय पर इनका सम्मान होते रहना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नरेन्द्र कुंटे ने कहा कि हमें बच्चों को हमसे बोलने के लिए प्रेरित करना होगा। हमें उनकी भावनाओं को समझना होगा, तभी वो हमें और हम उनको समझ सकेंगे। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में सार्वजनिक माध्यमिक विद्यालय के अध्यक्ष मोहन अकोलकर, वीरांगना लक्ष्मीबाई शिक्षा समिति के उपाध्यक्ष सुरेश गुप्ता, संस्था के सह सविच विष्णु उमड़ेकर, शासी समिति के अध्यक्ष हेमंत खेडकर, पीजीव्ही विद्यालय के प्राचार्य नरेश शर्मा, सार्वजनिक विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती अल्पना, बाल विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती श्रीमती नन्दा निगुड़कर आदि गणमान्य जन उपस्थित थे। संचालन सविता शर्मा एवं आभार पंकज नाफडे ने व्यक्त किया।

इनका हुआ सम्मान-

कार्यक्रम में कोरोना काल में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए विद्यालय में काम करने वाले कर्मचारियों का सम्मान किया गया। इस मौके पर सार्वजनिक उ.मा.वि. की कर्मचारी श्रीमती उमा बाई, श्रीमती विमला बाई, श्रीमती आशा बाई। बाल विद्यालय की श्रीमती नर्मदा माहौर, श्रीमती फूलवती बाई, श्रीमती शशि बाई एवं श्रीमती मीना बाई। पी.जी.व्ही हा.से. विद्यालय की श्रीमती राजकुमारी बाई, जगन्नाथ, नत्थाराम पाल और लक्ष्मीबाई स्मारक उ.मा.वि. के नन्टुन चौधरी एवं श्रीमती प्रभा बाई का सम्मान किया गया। इस मौके पर सम्मानित लोगों को वस्त्र प्रदान किए गए।

Updated : 12 Oct 2021 11:14 AM GMT
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स्वदेश डेस्क

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