Home > राज्य > मध्यप्रदेश > ग्वालियर > डेंगू से अब चिकित्सा छात्रों में भी डर, जयारोग्य परिसर में भी है मच्छरों का प्रकोप

डेंगू से अब चिकित्सा छात्रों में भी डर, जयारोग्य परिसर में भी है मच्छरों का प्रकोप

शहर में कई जगह मिला लार्वा, फॉगिंग करने के बाद भी लोगों को हो रहा है डेंगू

डेंगू से अब चिकित्सा छात्रों में भी डर, जयारोग्य परिसर में भी है मच्छरों का प्रकोप
X

ग्वालियर/स्वदेश वेब डेस्क। मलेरिया व डेंगू के बढ़ते प्रकोप से पूरा अंचल परेशान है। चिकित्सक व मलेरिया अधिकारी बार-बार लोगों को यही सलाह दे रहे हैं कि अपने घरों और आसपास पानी भरा न रहने दें। सरकार द्वारा टीवी पर विज्ञापन भी प्रसारित किए जा रहे है, लेकिन हमारे अंचल का सबसे बड़ा अस्पताल जयारोग्य और चिकित्सा महाविद्यालय का प्रबंधन अपने परिसर की साफ-सफाई को लेकर बिलकुल गंभीर नहीं है, जिसके चलते यहां भर्ती मरीजों और उनके परिजनों के साथ-साथ चिकित्सा छात्रों सहित पूरा स्टाफ भी डेंगू से डरा हुआ है।

शनिवार को गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के माइक्रो बायोलॉजी विभाग में डेंगू के 86 संदिग्ध मरीजों के रक्त नमूनों की जांच की गई। जांच में 18 मरीजों को डेंगू की पुष्टि हुई है। इनमें से चार मरीज ग्वालियर के हैं, जिनमें से दो सिकंदर कम्पू, एक हरिशंकरपुरम और एक चन्द्रबदनी नाका का है। बीते रोज सिकंदर कम्पू हनुमान बांध बावड़ी के पास विमल कुशवाह की आठ वर्षीय बेटी खुशी की डेंगू के चलते मौत हो गई थी। इसमें नगर निगम और मलेरिया विभाग की साफ तौर पर लापरवाही सामने आई है। अगर समय रहते यहां पर दवा का छिड़काव हो गया होता तो आज अपने परिजनों के बीच खुशी जिंदा होती। सिकंदर कम्पू के हर घर में कोई न कोई व्यक्ति बीमार है। वहां के लोगों का कहना है कि साहब यहां तो हर घर में बहुत मच्छर हैं।

परिसर में नहीं सफाई के पर्याप्त इंतजाम

जयारोग्य चिकित्सालय परिसर में अलग-अलग वार्डों के प्रसाधन कक्षों से निकलने वाले पानी के लिए समुचित व्यवस्था नहीं है। कई वार्डों के पीछे पाइप फूटे हैं या चौक हैं, जिससे गंदा पानी इधर-उधर भर जाता है। मरीजों के परिजन भी गंदगी को इधर-उधर फेंक देते हैं। अस्पताल प्रबंधन द्वारा भी साफ-सफाई पर खासा ध्यान नहीं दिया जाता है, जिससे यहां पूरे परिसर में मच्छर पनप रहे हैं।

मच्छरों पर फॉगिंग का भी असर नहीं

भले ही मलेरिया विभाग की टीम लगातार फॉगिंग कर रही हो। फॉगिंग के दौरान मच्छर इधर से उधर जरूर हो जाते हैं लेकिन कुछ ही देर बाद स्थिति यह हो जाती है कि खुले में खड़े होने पर सिर पर मच्छर मंडराने लगते हैं।

Updated : 30 Sep 2018 1:47 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh News

www.swadeshnews.in


Next Story
Top