डेंगू बच्चों को आसानी से बना रहा अपनी शिकार, 27 नए मरीज आए सामने

डेंगू बच्चों को आसानी से बना रहा अपनी शिकार, 27 नए मरीज आए सामने
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ग्वालियर, न.सं.। डेंगू का डंक अब लोगों के साथ ही प्रशासन के लिए भी परेशानी का सबब बन गया है। यह मच्छर बच्चों को ज्यादा अपना शिकार बना रहा है। यही कारण है कि शुक्रवार को सामने आए 27 मरीजों में से 16 बच्चें शामिल हैं। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों की त्वचा मुलायम होने के कारण डेंगू का मच्छर आसानी से उन्हें अपना शिकार बना लेता है। ऐसे में जरुरी है कि बच्चों की मच्छरों से सुरक्षा करें। साथ ही घर में बच्चों को मच्छर से सुरक्षित रखने के लिए घरेलू उपाय भी अपनाए, जिससे डेंगू के डंक से बच्चों व बुजुर्गों को बचाया जा सके।

गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय की माइक्रोबायोलॉजी लैब में शुक्रवार को बुखार से पीडि़त 53 संदिग्ध मरीजों की जांच की गई, जिसमें 27 मरीजों को डेंगू होने की पुष्टि हुई है। इसमें छह माह से लेकर 14 वर्ष का बच्चा भी शामिल है। उधर मुरार जिला अस्पताल की लैब में मशीन में कुछ खराबी आने के कारण डेंगू के संदिग्ध मरीजों की जांचे नहीं हो सकीं। पैथोलॉजी के स्टाफ का कहना है कि मशीन में कुछ टेक्नीकल खराबी आ गई थी, इसलिए अब सभी नमूनों की जांच आज की जाएगी। रिपोर्ट में जिन मरीजों को डेंगू होने की पुष्टि हुई है। उसमें ग्वालियर निवासी 9 वर्षीय आदि तोमर, 11 वर्षीय गौरव, 18 वर्षीय दिव्या, 11 वर्षीय मुहोम्मद, 5 वर्षीय आदविक, 13 वर्षीय अशिता, 1 वर्षीय चेतन्या, 25 वर्षीय राहुल, 17 वर्षीय भाग्यश्री, 13 वर्षीय पियूष, 37 वर्षीय तेजभान, 14 वर्षीय बेबी एवं 53 वर्षीय विद्याराम शामिल हैं। इसके अलावा मुरैना से छह माह, दस वर्षीय, छह वर्षीय, 9 वर्षीय सहित कुछ सात मरीज सामने आए हैं। इसी तरह भिण्ड से तीन और श्योपुर, फतेहपुर, शिवपुरी व दतिया से एक-एक मरीज शामिल हैं।

भिण्ड के गांव शंकरपुर में चिकनगुनिया का बिस्फोट

इधर भिण्ड के गांव शंकरपुर में चिकनगुनिया का बिस्फोट हुआ है। शंकरपुर गांव के 66 संदिग्ध मरीजों के नमूने भिण्ड मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय की लैब में भेजे गए थे। जांच रिपोर्ट में एक साथ 56 मरीजों को चिकनगुनिया होने की पुष्टि हुई है। जिससे स्पष्ट है कि शंकरपुर गांव में मच्छर जनित बीमारियों ने बिक्राल रूप ले लिया है।

बच्चों में इन लक्षणों का रखे ध्यान

  • - बच्चे को लगातार तेज बुखार आ रहा हो और बुखार का कारण पता नहीं चल पा रहा हो। इसके साथ ही शरीर में कंपकपी और दर्द हो रहा है। ऐसे में चिकित्सक को दिखा कर जांचे करानी चाहिए।
  • - डेंगू बुखार हो जाने के कारण बच्चों के मुंह का स्वाद खराब हो जाता है। इसलिए उन्हें भूख नहीं लगती है। इसके अलावा लगातार प्लेटलेट्स का स्तर का कम हो जाने से बच्चे को चक्कर आने लगते हैं।
  • - डेंगू के कारण बच्चों का बीपी का लेवल लो हो जाता है। जिसके चलते वह काफी कमजोरी महसूस करता है, यहां तक कि उसे चलने-फिरने की भी हिम्मत नहीं रहती है।
  • - डेंगू बुखार में बच्चों की त्वचा पर हल्के निशान दिखाई पड़ते हैं। इस निशानों को देखकर नजरअंदाज नहीं करना चहिए। इन निशानों को डॉक्टर को दिखाना चहिए। त्वचा पर निशान का पडऩा डेंगू बुखार का लक्षण होता है।
  • - बच्चों को लगातार खांसी आना और इसके साथ ही नाक का बहना का डेंगू बुखार की तरफ इशारा करता है। ऐसा होने पर तुरंत जांचे कराना चाहिए, ताकि डेंगू के होने या न होने की पुष्टि हो सके।
  • - डेंगू बुखार में सिर दर्द, बदन दर्द, जोड़ों आदि में दर्द होता है। इसलिए इस तरह की बच्चों में शिकायत होने पर जांच करानी चाहिए।

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