ग्वालियर में बढ़े डेंगू के मरीज, जानिए प्रमुख चार टाइप, क्या बरतें सावधानी?

ग्वालियर, न.सं.। जिले में डेंगू के मामले जहां थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। वहीं जिम्मेदारों की अंदेखी के कारण अवकाश के दिन डेंगू संदिग्धों के नमूनों की जांच नहीं हो पा रही है। यही कारण है कि बुधवार को संदिग्ध मरीजों की जांच न होने के कारण एक भी डेंगू का मामला सामने नहीं आया। जबकि गत दिवस डेंगू के छह मामले सामने आए थे। जिसके बाद डेंगू का आंकडा 250 के पार पहुंच गया था। उधर अवकाश के दिन जांच न होने के कारण मरीजों को निजी लैब में जाकर मजबूरन पैसे खर्च कर जांच करानी पड़ रही है। इसके अलावा निजी अस्पतालों में जमकर कार्ड टेस्ट किए जा रहे हैं। जबकि स्वास्थ्य विभाग के स्पष्ट निर्देश हैं कि कार्ड टेस्ट नहीं किए जाए। उसके बाद भी जिम्मेदार न तो अस्पतालों में कोई कार्रवाई कर रहे हैं और न ही निजी पैथोलॉजी पर। भिण्ड रोड निवासी सूर्या का कहना है कि उसे पिछले तीन दिन से बुखार आ रहा था, जिसका उपचार वह अपने पास के ही एक निजी क्लीनिक पर चिकित्सक से ले रहे हैं। लेकिन जब बुखार नहीं उतरा तो उन्होंने डेंगू की जांच कराने की बात कही। इस पर वह जिला अस्पताल पहुंचे तो इमरजेंसी में मौजूद चिकित्सकों ने पैथोलॉजी भेज दिया। लेकिन पैथोलॉजी के स्टाफ ने छुट्टी की बात कहते वापस लौटा दिया, जिस कारण उन्हें निजी पैथोलॉजी में अपनी जांच करानी पड़ी।
डेंगू के प्रमुख चार टाइप
- - पहली स्टेज: पहली स्टेज में हल्का बुखार व कमर दर्द होने के लक्षण सामने आते है।
- - दूसरी स्टेज: आंखों के अंदर दर्द होने, तेज बुखार होने, शरीर के जोड़ो में दर्द, कमर दर्द जैसे लक्षण मिलते है।
- - तीसरी स्टेज डेंगू हेमर्जिक फीवर: इस स्टेज में खून के चकते जैसे निशान बन जाते है, प्लेटलेट्स कम हो जाती हैं।
- - चौथी स्टेज डेंगू शोक सिंड्रोम: यह डेंगू की खतरनाक स्थिति होती है। बीपी और प्लेटलेट्स दोनों कम हो जाती है। इसमें शरीर में पानी की कमी होती जाती है, जिससे रिकवरी करना मुश्किल हो जाता है।
बकरी का कच्चा दूध न पिए
इधर डेंगू के कई मरीज प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए बकरी का कच्चा दूध पी रहे हैं। लेकिन बकरी का कच्चा दूध पीने से मरीजों को उल्टी-दस्त की शिकायत हो रही है। इसलिए चिकित्सकों का कहना है कि कच्चा दूध नहीं पीना चाहिए। डेंगू में उल्टी के लक्षण भी आते हैं। इसमें छठा और सातवां दिन घातक साबित हो सकता है। बुखार के बाद उल्टी आने पर चिकित्सक से उपचार करवाए। प्लेटलेट्स लगातार चेक करवाते रहे।
कोल्ड ओपीडी को किया शिफ्ट
कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद अब जयारोग्य चिकित्सालय से कोल्ड ओपीडी को शिफ्ट कर दिया गया है। कोरोना को देखते हुए कोल्ड ओपीडी को जयारोग्य के ट्रॉमा सेन्टर के सामने स्थापित किया गया था, लेकिन अब मरीजों की संख्या कम होने पर कोल्ड ओपीडी को गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय में शिफ्ट कर दिया गया है। ऐसे में अगर किसी मरीज को कोरोना की जांच करानी होती है तो उसे चिकित्सा महाविद्यालय ही जाना पड़ रहा है।
