मरीजों की परेशानी दूर करने अस्पताल को जोडऩे की मांग, सुपर स्पेशलिटी में बना सकते हैं वैकल्पिक व्यवस्था

मरीजों की परेशानी दूर करने अस्पताल को जोडऩे की मांग, सुपर स्पेशलिटी में बना सकते हैं वैकल्पिक व्यवस्था
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ग्वालियर, न.सं.। नवनिर्मित एक हजार बिस्तर के अस्पताल में भले ही विभिन्न विभागों को शिफ्ट कर दिया गया है, लेकिन जयारोग्य व एक हजार बिस्तर के परिसर अलग-अगल होने से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिसको लेकर अब महाविद्यालय अधिष्ठाता ने दोनों अस्पताल परिसर को जोडऩे की मांग प्रशासन से की है। अधिष्ठाता का कहना है कि जब तक अस्पताल को नहीं जोड़ा जाएगा तब तक मरीजों को परेशानी बनी रहेगी।

दरअसल जयारोग्य में मरीजों के बढ़ते भार को देखते हुए एक हजार बिस्तर के अस्पताल का निर्माण कराया गया है। उक्त नए अस्पताल में ईएनटी, चर्म रोग, आर्थोपेडिक, मनोरोग के अलावा अन्य विभागों की ओपीडी माधव डिस्पेंसरी से शिफ्ट कर दी गई । इसके अलावा माधव डिस्पेंसरी में संचालित रेडियोलॉजी विभाग में संचालित एक्सरे व अल्ट्रासाउण्ड की सुविधा भी नए अस्पताल में शिफ्ट कर दी गई है। जिस कारण अब मरीजों को जांच से लेकर उपचार के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि नए अस्पताल में ह्दय रोग, पीडियाट्रिक, गायनिक, न्यूरोसर्जरी-न्यूरोलॉजी के अलावा कैंसर विभाग की ओपीडी को शिफ्ट नहीं किया जा रहा है। जिस कारण उक्त विभागों में पहुंच रहे मरीजों को अगर चिकित्सक एक्सरे या अल्ट्रासाउण्ड की जांच कराने के लिए कहते हैं तो मरीज को एक किलोमीटर दूर नए अस्पताल तक जाना पड़ता है। इसके अलावा कई मरीज नजी सेन्टर पर जांच कराने को मजबूर हो रहे हैं।

भर्ती मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी

ह्दय रोग व कैंसर रोग विभाग में भर्ती कई मरीजों की एक्सरे व अल्ट्रासाउण्ड की जांच कराई जाती है, लेकिन भर्ती मरीजों को भी परिजन स्ट्रेचर पर जांच कराने के लिए एक हजार बिस्तर के अस्पताल तक पहुंच रहे हैं। इतना ही नहीं मरीजों को लाने व ले जाने के लिए अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई व्यवस्था भी नहीं की गई है।

शासन स्तर पर अटका परिसर को जोडऩे का मामला

जयारोग्य अस्पताल व एक हजार बिस्तर के अस्पताल को जोडऩे का मामला अभी शासन स्तर पर ही अटका हुआ है। शासन के पास अस्पताल को जोडऩे के लिए सवबे या फिर फुट ओवर ब्रिज बनाने का प्रस्ताव है, लेकिन अभी तक दोनों ही प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं किया गया। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि दोनों अस्पताल को आपस में जोडऩे के लिए जो भी निर्णय होगा वह शासन व प्रशासन स्तर पर ही होगा। जबकि

सुपर स्पेशलिटी में बना सकते हैं वैकल्पिक व्यवस्था

सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में एक्सरे, अल्ट्रासाउण्ड सहित अन्य जांच सुविधाएं उपलब्ध हंै। ऐसे में जब तक एक हजार बिस्तर के अस्पताल व जयारोग्य के परिसर को आपस में जोड़ा नहीं जाता तब तक वैकल्पिक रूप से सुपर स्पेशलिटी में मरीजों की जांच कराई जा सकती है, लेकिन इस ओर जिम्मेदार कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। अगर सुपर स्पेशलिटी में कैंसर, न्यूरोलॉजी-न्यूरोसर्जरी,

पीडियाट्रिक, गायनिक सहित कार्डियोलॉजी विभाग में भर्ती मरीजों की जांच की जाएं तो काफी हद तक मरीजों की परेशानी दूर हो सकती है।

इनका कहना है

एक हजार बिस्तर के अस्पताल और जयारोग्य अस्पताल परिसर को जोडऩे के लिए शासन व प्रशासन को प्रस्ताव भेजा गया है। जब तक दोनों परिसरों को जोड़ा नहीं जाता तब तक मरीजों के लिए परेशानी बनी रहेगी।

डॉ. अक्षय निगम

अधिष्ठाता, गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय

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