दीपावली के बाद भी शहर में अंधेरा, ईईएसएल के बाद एचपीएल कंपनी भी फेल

ग्वालियर,न.सं.। स्मार्ट सिटी और निगम अधिकारियों ने दावा किया था कि दीपावली पर शहर की सड़क़ों पर रोशनी रहेगी। लेकिन दीपावली पर जहां शहर की कई सडक़े अंधेरे में डूबी रही। दीपावली के बाद आज भी शहर की कई सडक़ों पर अंधेरा छाया हुआ है। ईईएसएल के बाद एचपीएल कंपनी भी फेल साबित हो रही है। दो साल से बेपटरी हुई स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईइएसएल) के माध्यम से लगवाई गईं इन लाइटों के खराब होने की समस्या लगातार बनी हुई है।
पहले ईईएसएल इन लाइटों की रिपेयरिंग के लिए उपकरण सप्लाई में फेल हुई, तो स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन ने नए सिरे से संचालन एवं संधारण की टेंडर प्रक्रिया कर नोएडा की एचपीएल इलेक्ट्रिकल्स कंपनी को ठेका सौंप दिया। कंपनी ने लाइटों की मरम्मत के लिए निर्धारित से आधे संसाधन लगा रखे हैं, तो वहीं अब उपकरण सप्लाई में भी ये कंपनी फेल होती नजर आ रही है। इसके चलते शहर में 20 हजार से ज्यादा लाइटें बंद पड़ी हुई हैं।
स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन ने दो साल पहले ईईएसएल के माध्यम से शहर में 62 हजार स्ट्रीट लाइटें लगवाई थीं, लेकिन गुणवत्ता ठीक नहीं होने के कारण ये लाइटें लगातार खराब हो रही हैं। ईईएसएल जब खराब लाइटों को सुधारने के लिए उपकरण उपलब्ध कराने में नाकाम रही, तो कार्पोरेशन ने फिर से लगभग 25 करोड़ रुपए में लाइटों के संचालन एवं संधारण की जिम्मेदारी एचपीएल को दे दी।
टेंडर की शर्तों के अनुसार कंपनी को छह हाइड्रा गाडिय़ां, 14 छोटी गाडिय़ां, 60 लाइनमेन और 60 हेल्पर रखने हैं, लेकिन कंपनी ने सिर्फ दो हाइड्रा, चार छोटी गाडिय़ां और अधिकतम 20 लोगों का स्टाफ रख रखा है। कंपनी को पुराना बैकलाग खत्म करने के साथ ही पूरे शहर में उजाला रखने के लिए 700 से 800 लाइटें प्रतिदिन सुधारनी हैं, लेकिन औसतन सिर्फ 117 लाइटें ही सुधारी जा रही हैं। इसका नतीजा यह है कि कालोनियां और गली-मोहल्ले तो दूर, कई मुख्य मार्गों पर भी अंधेरा पसरा रहता है।
